ओडिशा: पर्यावरणीय आपदा का खतरा, एसपीसीबी ने रोक लगाई
झारसुगुड़ा (पब्लिक फोरम)। झारसुगुड़ा जिले में स्थित वेदांता लिमिटेड के स्वामित्व वाले थर्मल पावर प्लांट द्वारा फ्लाई ऐश डंपिंग में गंभीर अनियमितताओं के चलते ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) ने प्लांट के ऐश प्रबंधन पर रोक लगा दी है। यह कदम पर्यावरण और स्थानीय समुदाय पर बढ़ते खतरे को देखते हुए उठाया गया।
प्लांट द्वारा फ्लाई ऐश डंपिंग के लिए बड़े-बड़े गड्ढों का इस्तेमाल किया जा रहा था। एसपीसीबी ने पाया कि इन गड्ढों से निकलने वाली जहरीली फ्लाई ऐश नदी, फसल भूमि और गांवों तक फैल रही थी। इस कारण क्षेत्र में गंभीर पर्यावरणीय क्षति हो रही थी।
एसपीसीबी ने सोमवार को जारी अपने आदेश में कहा, “अम्मापल्ली की परित्यक्त खदान में फ्लाई ऐश भरने की अनुमति को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।”
फ्लाई ऐश के अनियंत्रित फैलाव से इलाके में पर्यावरणीय और पारिस्थितिकीय संतुलन बिगड़ने का खतरा बढ़ गया है। एसपीसीबी के एक अधिकारी ने चेतावनी दी, “यदि ऐश तालाब के बांध ढह गए, तो क्षेत्र में अपूरणीय पर्यावरणीय आपदा आ सकती है।”
एसपीसीबी की रिपोर्ट: क्या कहती है जांच?
एसपीसीबी ने अपनी जांच में पाया कि वेदांता ने फ्लाई ऐश प्रबंधन के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया।
– गारलैंड ड्रेन का अभाव: साइट पर गारलैंड ड्रेन की व्यवस्था नहीं की गई थी, जिससे बरसात में बहाव पास की जमीन को प्रदूषित कर रहा था।
– जांच बांध की कमी: खदान के चारों ओर रोकथाम के लिए जांच या धारण बांध नहीं बनाए गए।
– अतिरिक्त लापरवाही: ट्रकों में ओवरलोडिंग, पर्याप्त तिरपाल का अभाव और सड़कों पर पानी का छिड़काव न करने जैसी कमियां पाई गईं।
स्थानीय समुदाय और पर्यावरण पर प्रभाव
फ्लाई ऐश के प्रदूषण ने न केवल आसपास की फसल भूमि को बर्बाद किया, बल्कि स्थानीय जल स्रोतों को भी दूषित कर दिया। ग्रामीणों की शिकायतों के बाद एसपीसीबी ने यह सख्त कदम उठाया।
पर्यावरणविदों का कहना है कि यह स्थिति जिम्मेदार औद्योगिक संचालन की विफलता को दर्शाती है। उन्होंने सुझाव दिया कि वेदांता को स्थायी समाधान खोजने और प्रभावित समुदायों के लिए क्षतिपूर्ति की दिशा में काम करना चाहिए।
एसपीसीबी ने प्लांट को तुरंत फ्लाई ऐश प्रबंधन में सुधार करने के निर्देश दिए हैं। यदि प्लांट दिशानिर्देशों का पालन नहीं करता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
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