कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जिले के बालको संयंत्र के परसाभांठा गेट के पास स्थित श्रमिक बाजार हर मंगलवार और शुक्रवार को सजीव हो उठता है। इस क्षेत्र में बाजार का आयोजन स्थानीय श्रमिकों और ग्राहकों का मुख्य आकर्षण है, लेकिन यहां की स्थिति धीरे-धीरे भयावह होती जा रही है। परसाभांठा रिंग रोड के पास इस श्रमिक बाजार में भारी वाहनों की अव्यवस्थित आवाजाही और जाम की समस्या ने स्थानीय निवासियों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है।
परसाभांठा में बालको संयंत्र के पास से गुजरते समय लोगों को रोज़ाना ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं का डर सताता है। भारी वाहनों की बेतरतीब आवाजाही, खासकर बाज़ार के दिनों में, ट्रैफिक की स्थिति को असहनीय बना देती है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बालको प्रबंधन और प्रशासन इस गंभीर मुद्दे को अनदेखा कर रहे हैं, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं।
पिछले कुछ समय में स्थानीय लोगों ने इस समस्या के समाधान के लिए कई बार धरना और प्रदर्शन भी किया, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। आज शाम करीब 5:30 बजे स्थिति इतनी विकट हो गई कि बाजार के पास सड़क पर एक घंटे तक जाम लगा रहा, जिसमें आम जनता के साथ पुलिस की विशेष गाड़ी 112 भी फंसी रही। इससे लोगों में आक्रोश और निराशा दोनों बढ़ती जा रही है।
प्रशासनिक अनदेखी और जिम्मेदारी का अभाव
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासनिक लापरवाही और बालको प्रबंधन की अनदेखी के चलते परसाभांठा रिंग रोड पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता जा रहा है। लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इसका नतीजा है कि लोग प्रदूषण और असुरक्षित यातायात से जूझने को मजबूर हैं।
क्या मिलेगी 2024 में राहत?
यह सवाल अब सभी के मन में है कि क्या 2024 के अंत तक इस समस्या का कोई हल निकल पाएगा? कोरबा और बालको क्षेत्र के लोग सुरक्षित आवागमन का अधिकार चाहते हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही स्थिति में सुधार होगा।
स्थानीय निवासियों की अपील
परसाभांठा और आसपास के निवासी बालको प्रबंधन और प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि वे मिलकर इस दिशा में कदम उठाएं ताकि लोगों को इस समस्या से हमेशा के लिए निजात मिल सके। यह मुद्दा केवल यातायात से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह हजारों लोगों की सुरक्षा और सुविधा से भी संबंधित है। स्थानीय निवासियों की यह भावुक अपील है कि प्रशासन और बालको प्रबंधन एकजुट होकर उनकी परेशानियों का समाधान करें, ताकि वे सुकून से अपने क्षेत्र में रह सकें और सुरक्षित जीवन जी सकें।
“इस समस्या का समाधान प्रशासन और बालको प्रबंधन के सामूहिक प्रयासों से ही संभव है, और स्थानीय लोग बेसब्री से उस दिन का इंतजार कर रहे हैं, जब वे बिना किसी डर के सुरक्षित आवागमन का आनंद उठा सकें।”
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