back to top
होमआसपास-प्रदेशकोरबा में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस: 'भारत राष्ट्र जिंदाबाद' और 'भारतवासी...

कोरबा में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस: ‘भारत राष्ट्र जिंदाबाद’ और ‘भारतवासी भाई-भाई’ के नारों से गूंजा शहर 

कोरबा (पब्लिक फोरम)। “भारत राष्ट्र जिंदाबाद”  और “भारतवासी भाई-भाई, जाति-पाती कहाँ से आई?” जैसे जोशीले नारों के साथ कोरबा में 01 मई, अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया गया। यह आयोजन “राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा भारत, छत्तीसगढ़ अखबार वितरक संघ, मूलनिवासी मुक्ति मोर्चा, छत्तीसगढ़ विद्युत ठेका श्रमिक संघ” जैसे संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। 

संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की मूर्ति पर श्रद्धांजलि

कार्यक्रम का आयोजन “कोरबा के घंटाघर स्थित डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की मूर्ति”  के समीप किया गया, जहाँ संवैधानिक भारत राष्ट्र नवनिर्माण अभियान के तहत श्रमिकों के सम्मान में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। 

कार्यक्रम के उद्घाटक समाजसेवी पदमसिंह चंदेल (चंदेला होटल के मालिक) और अध्यक्षता छत्तीसगढ़ ब्राह्मण समाज एवं कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष रेखा त्रिपाठी ने की। संचालन राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा के संयोजक गोपाल ऋषिकर भारती ने किया।

 श्रमिकों का सम्मान और शहीदों को श्रद्धांजलि

सर्वप्रथम, “डॉ. आंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण” किया गया। इसके बाद “श्रमिकों के सम्मान” में कार्यक्रम आयोजित किया गया और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को केंडल जलाकर श्रद्धांजलि दी गई। 

साथ ही, “भारतवासी भाई-भाई”, “जाति-पाती कहाँ से आई?”, “भारत राष्ट्र जिंदाबाद”, “भारत का संविधान जिंदाबाद” जैसे नारों से पूरा माहौल देशभक्ति से गूंज उठा। 

श्रमिकों के संघर्ष और एकता पर जोर

पदमसिंह चंदेल ने कहा – “आज अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर मैं सभी श्रमिकों और देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ। हम कोरबा को एक आदर्श क्षेत्र बनाने के लिए सभी समाजों को एकजुट कर रहे हैं।” 

कांग्रेस नेता रेखा त्रिपाठी ने कहा – “आज महिलाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि घर की महिलाएँ भी श्रमिक हैं। संविधान सबको बराबरी का अधिकार देता है, लेकिन आज भी महिलाएँ पिछड़ी हुई हैं।”

गोपाल ऋषिकर भारती ने कहा – “हमने इस कार्यक्रम को संवैधानिक भारत निर्माण से जोड़ा है। जाति और अमीर-गरीब की खाई को मिटाकर हमें एकजुट होना होगा।”

मोहम्मद सफी (मूलनिवासी मुक्ति मोर्चा) ने कहा – “श्रमिकों की दुर्दशा चिंताजनक है। हर व्यक्ति को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे मूल अधिकार मिलने चाहिए।” 

भोजन और सामाजिक समरसता का संदेश 

कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई। दिव्यांगों, गरीबों और महिलाओं को थालियाँ वितरित की गईं। 

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विद्युत ठेका श्रमिक यूनियन, मूलनिवासी मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस सेवादल सहित कई संगठनों के नेताओं और सैकड़ों लोगों ने भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया। 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments