कोरबा (पब्लिक फोरम)। राष्ट्रीय मजदूर कॉंग्रेस (ददई दुबे इंटक) के जिला सचिव द्वारा दिनांक 02/01/2023 को कोरबा क्षेत्र के उद्योगों खदानों और पंजीकृत व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में The Employment Exchanges Compulsory Notification Of Vacancies Act 1959 (रोजगार कार्यालय रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचना अधिनियम 1959 को पूर्ण तौर पर प्रभावशील करने हेतु सुप्रीम कोर्ट के Writ Appeal No. CIVIL 7879 Of 2019 बिहार राज्य सरकार एवं अन्य विरुद्ध देवेन्द्र शर्मा के निर्णय का हवाला दिया था। जिसमें साफ़ तौर पर सभी शासकीय से लेकर स्वशासी, निजी उद्योगों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में उक्त अधिनियम के पालन के सम्बंध में स्पष्ट आदेश दिया गया है, कोई भी नई भर्तियां करने से पूर्व जिला रोजगार कार्यालय और DoPT विभाग को रिक्त पदो की जानकारियाँ हर तिमाही उपलब्ध करवाइ जानी चाहिए और उसी के अनुसार Job Fair, सीधी भर्तियां, व्यावसायिक परीक्षा मंडल, लोक सेवा आयोग द्वारा सार्वजनिक तौर पर विज्ञापन जारी कर सभी व्यक्तियों को बिना किसी भेदभाव के अवसर देना चाहिए।
उक्त कानून का परिपालन तो शासकीय विभागों द्वारा किया जा रहा है परंतु निजी उद्योगों, खदानों और यहां तक कि SECL, NTPC, Balco जैसी बड़ी कंपनियां जिसमें केंद्र सरकार की भी हिस्सेदारी और नियंत्रण है तथा जहां प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष तौर पर सैकड़ों बड़ी नामी कंपनियां संचालन, विस्तार परियोजना, कोयला उत्खनन से लेकर अनेकों तरह के कार्य कर रहीं हैं उनके द्वारा विगत कई वर्षो से क्षेत्रीय भू विस्थापितों, युवाओं, मजदूरों को दरकिनार करके आउट सोर्सिंग के माध्यम से बाहर प्रदेशों से लोगों को लाकर काम मे नियोजित करके भेदभावपूर्ण रवैय्या अपनाया जा रहा है और सभी स्थानीय मजदूरों का शोषण किया जा रहा है। इसीलिए यह नितांत आवश्यक है कि इस कानून को शासन जल्द से जल्द प्रभावशील बनाए ताकि आए दिन के अवैध हड़ताल तालाबंदी धरना प्रदर्शन मे कमी आए और औद्योगिक शांति बनी रहे ! माननीय राजभवन द्वारा संज्ञान लेते हुए दिनांक 09/01/2023 को श्रम विभाग के अपर सचिव को आदेशित किया गया था जिसे श्रमायुक्त श्री अमृत कुमार खलखो द्वारा भी अनुमोदित किया जा चुका है और अपर श्रमायुक्त श्री S. L. जांगडे द्वारा दिनांक 08/05/2023 को अनुमोदित कार्यालयीन पत्र के साथ संचालनालय रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग इंद्रावती भवन एवं उप केंद्रीय श्रमायुक्त रायपुर को भी आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया जा चुका है, इसके अलावा बाल्को शेयर धारक समझौते एवं कोल माइंस के प्रभावित भू विस्थापितों, SC, ST, OBC, विकलांग व्यक्तियों की रोजगार में पहले प्राथमिकता के साथ साथ, उक्त कारखानों, खदानों में कार्यरत कर्मचारियों पर लागू स्थायी आदेशों, वेतन समझौता, CMPF ट्रस्ट में अनिवार्य तौर पर भविष्य निधि के नियोक्ताओं द्वारा contribution, मेडिकल सुविधा देनें और एक केंद्रीय जांच एवं नियामक कमेटी का गठन करने हेतु भी उक्त ज्ञापन में अवगत कराया गया था जिस पर केंद्रीय श्रम मंत्री श्री भूपेंद्र यादव जी, ऊर्जा मंत्री श्री राजकुमार सिंह एवं कोयला खान मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी और मुख्यमंत्री सचिवालय से लेकर SECL के CMD प्रेम सागर मिश्रा, बाल्को के चेयरमैन श्री सुशील कुमार रूंगटा एवं NTPC के चेयरमैन श्री गुरदीप सिंह जी को भी पत्राचार किया गया था जिस पर केवल मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा ही कार्यवाही हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है परंतु केंद्रीय कैबिनेट मंत्रालयों एवं उद्योग प्रबंधन इस विषय को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। जिसके कारण उन्हें आने वाले समय मे और भी अनेकों दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
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