रायगढ़ (पब्लिक फोरम)। जिला जेल में बंदियों को उनके कानूनी अधिकारों और सहायता प्राप्त करने के तरीकों के बारे में जानकारी देने के लिए एक विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का आयोजन जिला न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष के निर्देशन में किया गया था।
मुख्य बिंदु
कानूनी अधिकारों की जानकारी: शिविर में बंदियों को उनके बुनियादी कानूनी अधिकारों, जैसे कि निष्पक्ष सुनवाई, कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार, और जमानत का अधिकार, के बारे में जानकारी दी गई।
निःशुल्क कानूनी सहायता: जिन बंदियों के पास वकील नहीं हैं, उनके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने की व्यवस्था बताई गई।
त्वरित जमानत: छोटे अपराधों में बंद लंबे समय से जेल में रहने वालों के मामलों में त्वरित जमानत के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सहायता प्रदान करने का वादा किया गया।
जेल सुविधाओं का निरीक्षण: जिला न्यायाधीश ने जेल अस्पताल का भी निरीक्षण किया और बंदियों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं, भोजन और अन्य बुनियादी सुविधाओं का जायजा लिया।
पुनर्वासन पर ध्यान: बंदियों को रिहा होने के बाद अपराध करने से रोकने के लिए प्रेरित किया गया और उन्हें समाज में वापसी के लिए सकारात्मक दिशा दिखाने का प्रयास किया गया।
शिविर में उपस्थित
श्री प्रवीण मिश्रा, न्यायाधीश
श्रीमती अंकिता मुदलियार, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
जेल अधिकारी और कर्मचारी
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी और पैरालीगल वालंटियर्स
यह शिविर बंदियों के लिए उनके कानूनी अधिकारों और उपलब्ध सहायता के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
जेल में कानूनी हक़ की जानकारी: बंदियों के लिए नया सवेरा!
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