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कोरबा में बालको के फ्लाई ऐश से बढ़ता वायु प्रदूषण: पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कलेक्टर से की सख्त कार्रवाई की मांग

“बालको की अनियमित कार्यशैली से बढ़ता वायु प्रदूषण, पूर्व मंत्री ने कलेक्टर को लिखा पत्र!”

कोरबा (पब्लिक फोरम)। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बालको प्रबंधन की नियम-विरुद्ध कार्यशैली के कारण कोरबा क्षेत्र में बढ़ते गंभीर वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कलेक्टर अजीत बसंत को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने बालको द्वारा संचालित बिजली संयंत्रों से निकलने वाली फ्लाई ऐश के निपटान में लापरवाही और नियमों के उल्लंघन की ओर ध्यान आकर्षित किया है।

पत्र में उल्लेख किया गया है कि बालको के ऐश डाइक की भराव क्षमता पूर्ण होने के बाद भी फ्लाई ऐश को खुले में छोड़ दिया गया है। इस पर न तो मिट्टी की परत चढ़ाई गई है और न ही पानी का छिड़काव किया जा रहा है। परिणामस्वरूप, तेज हवाओं या आंधी-तूफान के दौरान ऐश डाइक से फ्लाई ऐश का गुबार उठता है, जो पूरे क्षेत्र को प्रभावित करता है। इस गुबार से सड़कों पर आवागमन मुश्किल हो जाता है, सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है, और लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है। फ्लाई ऐश के वातावरण में फैलने से क्षेत्र में चर्म रोग, श्वास संबंधी समस्याएं, अस्थमा, और फेफड़ों की बीमारियों के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है।

जयसिंह अग्रवाल ने पत्र में यह भी बताया कि बालको प्रबंधन द्वारा फ्लाई ऐश के परिवहन में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के मानकों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। कोरबा शहर से बाहर जाने वाली सड़कों, जंगलों, सुनसान क्षेत्रों, या सड़कों के किनारे गड्ढों में रात के समय फ्लाई ऐश को अवैध रूप से डंप किया जा रहा है। इस गैर-जिम्मेदाराना रवैये का खामियाजा रूगबहरी, सोनपुरी, रूमगरा, परसाभाठा, बालकोनगर, भदरापारा, बालको हाउसिंग बोर्ड, बेला कछार, कैलाश नगर, नेहरू नगर, शांति नगर, और लालघाट जैसे क्षेत्रों के निवासियों को भुगतना पड़ रहा है।

पत्र में यह सुझाव दिया गया है कि प्रशासन सड़कों के किनारे बने मकानों में रहने वाले परिवारों की स्थिति का जायजा ले, ताकि फ्लाई ऐश के गुबार से होने वाली परेशानियों का अंदाजा लगाया जा सके।

इसके अलावा, बालको की चिमनियों से निकलने वाले धुएं को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए गए हैं। पत्र में कहा गया है कि दिन के समय धुएं की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए महंगी प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है, जो मानकों के अनुरूप होती है। हालांकि, रात में लागत कम करने के लिए इन प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया जाता, जिसका परिणाम क्षेत्रवासियों को भुगतना पड़ता है।

जयसिंह अग्रवाल ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बालको प्रबंधन द्वारा फ्लाई ऐश के परिवहन और निपटान के लिए किन क्षेत्रों में और कब-कब अनुमति ली गई, इसका ब्योरा उपलब्ध कराया जाए। साथ ही, यह भी पूछा गया है कि क्या प्रशासन ने फ्लाई ऐश निपटान के लिए सीपीसीबी और एनजीटी के मानकों का पालन करने के निर्देश दिए थे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पूर्व में बालको द्वारा नियमों के उल्लंघन पर प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाइयों की जानकारी भी मांगी है।

जयसिंह अग्रवाल का यह पत्र कोरबा में वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या को उजागर करता है और बालको प्रबंधन की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की मांग करता है। यह क्षेत्रवासियों के स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

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