गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
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विश्व व्यापार संगठन की 12 वीं मंत्री स्तरीय बैठक में भारत सरकार का किसानों के हितों के साथ कोई भी समझौता मंज़ूर नहीं

किसान संघर्ष समिति की 294 वीं किसान पंचायत संपन्न

* खाद में अत्याधिक बढ़ोत्तरी ने किसानों की कमर तोड़ी
* एम एस पी की कानूनी गारन्टी की मांग को लेकर व्यापक आंदोलन की तैयारी

मुलतापी (पब्लिक फोरम)। किसान संघर्ष समिति की 294 वीं किसान पंचायत किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम की अध्यक्षता में मुलतापी कार्यालय में संपन्न हुई। इसी दौरान 11 से 01 बजे ऑनलाइन किसान पंचायत भी आयोजित की गई। किसान पंचायत को संबोधित करते हुए डॉ सुनीलम ने कहा कि 12-15 जून को जेनेवा में डब्ल्यूटीओ (WTO) का मंत्री-स्तरीय सम्मेलन हो रहा है। जिसमें किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी को खत्म कराने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत के किसान विश्व व्यापार संगठन की आज से जिनेवा में शुरू हो रही 12वीं मंत्रीस्तरीय बैठक में भारत सरकार का किसानों के हितों के साथ कोई भी समझौता मंज़ूर नहीं करेंगे
उन्होंने बताया कि बरसात के बाद एम एस पी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर बड़े आंदोलन की तैयारी देश भर के किसान संगठन कर रहे है।
किसान पंचायत में वर्तमान महंगाई दर में वृद्धि के अनुपात में किसानों की सभी फसलों की एम एस पी में बढ़ोत्तरी तय करने की मांग की गई क्योंकि वर्तमान मे केंद्र सरकार ने जिन14 फसलों में से 11 फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि की है वह लागत मुद्रास्फीति से कम है। जिसका अर्थ है किसानों की वास्तविक आय कम हो गयी है।

गेंहू उपार्जन का भुगतान अधिकांश किसानों के खातों में अभी तक नहीं पंहुचा है। सभी किसानों को फसल उपार्जन का तत्काल भुगतान किया जाना आवश्यक है।
2020 का खरीफ फसल के बीमा की राशि को बैंक और सोसाइटी ने होल्ड कर रखा है जिससे किसान डिफॉल्टर हो गए है। सभी किसानों का बीमा का भुगतान किया जाए।
पिछले विधान सभा सत्र में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने विधानसभा में डिफॉल्टर किसानों के ब्याज की राशि सरकार द्वारा भरने की बात कही गई थी लेकिन अभी तक डिफॉल्टर किसानों की सूची तक जारी नहीं की है। अतः सभी डिफॉल्टर किसानों के ब्याज सरकार द्वारा भरे जाए।
सीहोर जिले में पार्वती सिचाई परियोजना के प्रभावितों के पुनर्वास, विस्थापन और मुआवजा भू-अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार तत्काल किया जाए।

सिंगरौली जिले में पूर्व स्वीकृत गौड़ परियोजना अन्तर्गत ग्राम पंचायत जालपानी में बांध निर्माण किया जाना था जिसका सर्वे की समस्त प्रक्रियाओं को पूरा कर मुआवजा वितरीत करते हुए विभाग द्वारा पेड़-पौधों की कटाई की गई है। लेकिन बांध स्थल बदलकर चमारी डोल में बांध निर्माण कराया जा रहा है जिसमें सिंगरौली जिले के पांच गाँव तथा सीधी जिले के 15 गाँव सहित 20 गाँव के ग्रामीण प्रभावित हो रहे है। सीधी जिले के कुसमी ब्लॉक, सोनगढ़, देवरी आदि ग्राम में आदिवासी समाज के गोंड जाति एवं विशेष जनजाति बैगा समुदाय के लोग भी शामिल है तथा यह क्षेत्र विशेष जनजाति ट्रायबल ब्लॉक घोषित है।

भारतीय संविधान की पांचवी अनुसूची के अंतर्गत घोषित क्षेत्रों में खनन सिंचाई एवं उद्योग लगाने के लिए ग्राम सभा की सहमति के बिना किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य नहीं किए जा सकते हैं। इन गांवों ने किसी भी प्रकार की सहमति ग्रामसभा से नहीं दी है। इसलिए पूर्व स्वीकृत स्थल जालपानी में ही बांध निर्माण किया जाए।
सिंगरौली जिले के कुसमी ब्लाक में संजय नेशनल पार्क के हाथियों ने कई आदिवासियों के घर तोड़ दिए और उन्हें कुचल दिया है लेकिन सरकार द्वारा उनके परिवार के लोगों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया है अतः सभी प्रभावितों को उचित मुआवजा दिया जाए।

केंद्र सरकार द्वारा पोटाश खाद 700 रूपये , सिंगल सुपर फास्फेट 141 रूपये तथा डीएपी 150 रूपये प्रति बोरी दाम बढ़ा दिए जाने से किसानों की लागत में बेतहाशा वृद्धि हो गई है, खाद की मुल्य वृद्धि वापस ली जाए।
पूरे प्रदेश में एमएसपी से कम दाम पर गेहूं की खरीद हो रही है किसान व्यापारियों को 1800रूपये क्विंटल में गेंहू बेचने को मजबूर है।
किसान पंचायत में डिवटिया के किसानों ने समरत ढाना स्थित गन्ना मिल मालिक द्वारा किसानों के लाखों रूपये का भुगतान करने की बजाय मिल बंद कर भाग जाने का मुद्दा उठाया। जिसको लेकर डॉ सुनीलम ने बैतूल एसपी से बातचीत की। एसपी ने मिल मालिक को गिरफ्तार करने की कार्यवाही का आश्वासन दिया।

किसान पंचायत में मांग की गई कि सभी किसानों को सोसायटियों के माध्यम से खाद बीज उप्लब्ध कराया जाए।
इंदौर मंडी में वर्ष 2019 में लाइसेंसी व्यापारी द्वारा 186 किसानों के गेहूं की फसल खरीद कर करीब 2 करोड़ 74 लाख रुपए किसानों को भुगतान किए बगैर फरार हो गये है । इस संबंध में इंदौर कलेक्टर ने प्रस्ताव बनाकर प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड को मंडी निधि से भुगतान किए जाने का प्रस्ताव भेजा है चूंकि मंडी व मंडी क्षेत्र में बेची गई फसल के भुगतान की जिम्मेदारी मंडी समिति की है अतः मंडी निधि से भुगतान करने के आदेश पारित किया जाए।

किसान पंचायत को रीवा से संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक एड शिवसिंह, नर्मदा बचाओ आंदोलन के मुकेश भगोरिया, किसान जागृति संगठन के प्रदेश अध्यक्ष इरफान जाफरी,अखिल भारतीय किसान महासभा के प्र.महासचिव प्रहलाद दास बैरागी,किसान संघर्ष समिति की उपाध्यक्ष एड आराधना भार्गव, इंदौर संभाग के संयोजक रामस्वरूप मंत्री, ग्वालियर चंबल संभाग के संयोजक एड. विश्वजीत रतौनिया, रीवा संभाग के संयोजक इंद्रजीत सिंह शंखु, सिवनी से जबलपुर संभाग के संयोजक राजेश पटेल, सिंगरौली के जिलाध्यक्ष अशोक सिंह पैगाम, सागर से जिलाध्यक्ष अभिनय श्रीवास, अलीराजपुर के जिलाध्यक्ष नवनीत मंडलोई, ग्वालियर से जिला उपाध्यक्ष शत्रुघ्न यादव ,मुलताई से जिलाध्यक्ष जगदीश दोड़के, जिला महामंत्री कृष्णा ठाकरे,तहसील अध्यक्ष कृपाल सिंह सिसोदिया , किसंस के वरिष्ठ पदाधिकारी शेषराव सूर्यवंशी, तहसील उपाध्यक्ष गुलाब देशमुख आदि ने संबोधित किया।

किसान पंचायत में डखरु महाजन, बी आर घोरसे, रग्घु कोड़ले, पिरथी बारपेटे, चैन सिंह सिसोदिया, उमेन सिंह जाधव, हीरालाल कोड़ले, मधुकर सोलंकी, अनंतराम गढ़ेकर, सुनील झपाटे, सीताराम नरवरे,धर्मराज नरवरे, विनोदी बुवाड़े, तीरथ सिंह बलिहार, चैतराम पाटिैल, अनूप रमेश सोनी, लखनलाल हारोड़े, लक्ष्मण पाटणकर, लक्ष्मण परिहार, जगन लांडे, राहुल राऊत, जुगल किशोर भावसार, रेखा देवी नागले, गौरव नागले, अभिषेक हुरमाड़े, यस नागले, उत्तम उबनारे आदि शामिल हुए।

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