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शुक्रवार, सितम्बर 12, 2025
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कोरबा में आज़ादी दिवस पर बच्चों को परोसा गया कीड़ों से भरा चना: अभिभावकों में आक्रोश

कोरबा/हरदीबाजार (पब्लिक फोरम)।
15 अगस्त 2025 को जहां पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस का राष्ट्रीय पर्व उल्लास और देशभक्ति के साथ मनाया जा रहा था, वहीं कोरबा जिले के मुड़ापार स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला से एक शर्मनाक और चिंताजनक मामला सामने आया है। इस विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बच्चों को कीड़ों से भरा चना परोसा गया, जिससे उनकी सेहत पर गंभीर खतरा मंडराने लगा।

कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय ध्वज फहराने और छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन से हुई। शिक्षकों ने बच्चों को आज़ादी दिवस की शुभकामनाएं दीं और प्रसाद वितरण किया। कार्यक्रम में सरपंच, पंच और ग्रामीण भी उपस्थित रहे। लेकिन खुशी के इस माहौल के बीच जब बच्चों को दिए गए भोजन की स्थिति सामने आई तो हर कोई स्तब्ध रह गया।

जानकारी के अनुसार, विद्यालय में प्रेरणा स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित मिड-डे मील के तहत बच्चों को परोसा गया चना कीड़ों से भरा हुआ था। ग्रामीणों का कहना है कि यह भोजन किसी बाहरी आपूर्तिकर्ता के माध्यम से उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें गुणवत्ता की कोई जांच नहीं होती। परिणामस्वरूप, बच्चों को अस्वच्छ और असुरक्षित भोजन खाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

बच्चों के अभिभावकों और ग्रामीणों का गुस्सा स्वाभाविक है। उनका कहना है कि जब सरकार बच्चों के पोषण और उज्ज्वल भविष्य के लिए योजनाएं चला रही है, तब इस तरह की लापरवाही बच्चों के जीवन को जोखिम में डाल रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, कीड़ों से भरे भोजन के सेवन से बच्चों में पाचन तंत्र संबंधी बीमारियां, संक्रमण और कुपोषण जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

ग्रामीणों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने शासन-प्रशासन से तत्काल जांच कर जिम्मेदार लोगों को दंडित करने की मांग की है।

यह घटना न केवल शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को उजागर करती है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करती है कि आखिर बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य के प्रति सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन क्यों नहीं हो रहा। यदि जिम्मेदार अधिकारियों ने समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले दिनों में ऐसे हालात और भी गंभीर रूप ले सकते हैं।

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