सफलता एक अहसास है जिसे नापा नहीं जा सकता, सिर्फ महसूस किया जा सकता है, क्योंकि सफलता के तार मन की शांति से जुड़े होते हैं जिनमें आस्था और विश्वास का करेंट दौड़ता है.
विश्वास हमारी निजी और रोजमर्रा की जिंदगी में ही महत्वपूर्ण नहीं होता बल्कि पूरी मनुष्य जाति ही विश्वास पर आधारित होता है। सहयोग से काम करने की काबीलियत की वजह से ही समूचा मानव समाज फलते-फूलते आया है।
संसार में हर व्यक्ति यह विश्वास करते हुए अपनी भूमिका निभाता है कि हर दूसरा व्यक्ति भी ऐसा ही करेगा। ताकि समाज की हर जरूरी चीजें हर किसी के लिए पूरी हो सके। इस में यह विश्वास करना शामिल है, कि समाज और उसके सारे तंत्र सब के हितों के लिए काम कर रहे हैं। हमारे डर चाहे कितने भी जायज हों या नजर आते हों। हमारे द्वारा उठाए गए रक्षात्मक कदम चाहे जितने भी समझदारी भरे लगते हों, सिक्के का दूसरा पहलू यह है कि चुनौतीपूर्ण समय में हमें विश्वास की सबसे ज्यादा जरूरत होती है।
अगर हम बेहतर कल देखना चाहते हैं तो हमें बेहतर कल में विश्वास करना ही होगा। सकारात्मक परिवर्तन तभी संभव है जब हममें यह विश्वास होगा। जो कि इसे साकार करने के लिए बहुत जरूरी है। अगर हम यह नहीं करते या नहीं कर सकते तो क्या होगा? जरा विकल्प के बारे में सोचें। अगर हम सभी अपना सारा विश्वास गवा देंगे तो क्या होगा? विश्वास के अभाव में शंका रहती है और शंका हमारे डर से उत्पन्न होती है शंका के कारण हम संसार से कट जाते हैं और खुद में सिमट कर रह जाते हैं। यह हर व्यक्ति का स्वार्थ पूर्ण मामला बन जाता है जो कि निराशावादी संसार में जिंदा रहने की कोशिश कर रहा है जो कोई मदद या सहायता नहीं देता है। विश्वास और शंका एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और हम हमेशा चुन सकते हैं कि हम किस तरह से रहना पसंद करेंगे।
विश्वास हमारे जीवन के लगभग हर पहलू में महत्वपूर्ण होता है। यह एक खुशहाल, संतुष्टि दायक और सफल जीवन तथा उस जीवन के बीच का असल फर्क होता है। यह खुद के साथ शांति में रहने और लगातार चिंता और तनाव की अवस्था में रहने के बीच का अंतर होता है।
अगर हमको खुद पर भरोसा नहीं है तो हम अपनी संभावनाओं व क्षमता को देख ही नहीं पाएंगे। हम अपने सामने मौजूद अवसरों की कभी छान-बीन ही नहीं कर पाएंगे इससे भविष्य के लिए हमारी योजनाएं सीमित हो जाएंगी। अगर हमको दूसरे लोगों पर विश्वास नहीं है तो हम कभी भी उनके साथ या किसी के साथ अपने संबंधों पर विश्वास नहीं कर पाएंगे। हम डरे हुए से रहेंगे। हम शंकालु बने रहेंगे और हमारा शक हमारे सभी करीबी संबंधों में जहर घोल देगा।
वास्तव में हमको किसी भी संबंध को कायम रखने में मुश्किल आएगी। हमें जानना चाहिए कि हमारे सारे महत्वपूर्ण संबंध विश्वास की बुनियाद पर टिके होते हैं। अगर हमको विश्वास नहीं है तो हम हमेशा दुखी रहेंगे। इससे बाहर निकलने का कोई तरीका ही नहीं है। विश्वास वह जादू है जो बीजों को फूल में बदल देता है और विचारों तथा सपनों को हमारी हकीकत में बदल सकता है। हमारा विश्वास सचमुच यह बता देता है जो हमारे शरीर की सारी इंद्रियां नहीं बता पाती। विश्वास अंधा नहीं होता और बिना दातों का भी नहीं होता है। असल में लोगों के मन में विश्वास था कि एक दिन उनके प्रयोग धातु को सोना में बदल देंगे और यह एक कमजोर विश्वास साबित हुआ था। क्योंकि उन्होंने चाहे जितनी भी कड़ी कोशिशें की। पीतल और तांबा आखिरकार पीतल और तांबा ही रहे। वे कभी सोने में नहीं बदल पाए। बाद में जाकर पता चला कि जिन मान्यताओं के साथ उन्होंने शुरू किया था दरअसल वही गलत थी और विश्वास या कड़ी मेहनत की कोई भी मात्रा धातुओं के भौतिक गुणों को नहीं बदलने वाली थी।
इसका मतलब है कि विश्वास की जड़ें वास्तविकता में होनी चाहिए यह वर्तमान और आने वाले कल के बीच का फुल अवश्य है लेकिन यह बुनियादी सिद्धांतों तथा वास्तविकताओं को नहीं बदल सकता यह विचार से वास्तविकता तक की छलांग लगाने में आपकी मदद जरूर कर सकता है लेकिन यह भौतिकी के नियमों को नए सिरे से नहीं लिख सकता।
डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग एक ऐसे संसार में बड़े हुए थे जो कि स्पष्ट रूप से विभाजित था। उनकी प्रजाति के लोग समाज के दमित तबके के थे और जहां तक वे जानते थे कि स्थिति वैसी ही रही थी। मार्टिन लूथर किंग का मार्ग सुविधा विहीन हिस्से में आता था। उनके पास यकीन करने का कोई कारण ही नहीं था कि स्थिति कभी बदल पायेगी, लेकिन मार्टिन ने अपने आसपास देखकर एक ऐसे संसार की कल्पना कर ली थी जहां सभी प्रजाति के लोग शांति और समानता में सह-अस्तित्व कायम रख सकें। अपने दिल में वे जानते थे कि यह सच हो सकता है लोगों ने सोचा होगा कि वह पागल है जो इसकी कोशिश कर रहे हैं।
एक तरफ ऐसा विश्वास होता है जो अंधेरे और गलत जगह पर रखा जाता है। दूसरी तरफ ऐसा विश्वास होता है जो बेहतर कल की सच्ची राह होता है। आप इन दोनों का फर्क कैसे जान सकते हैं? ऐसा नहीं है कि विश्वास हर चीज को अपने आप आसान बना देगा लेकिन यह निश्चित रूप से हमको अंत तक ले ही जाएगा और यही सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।
विश्वास हमारे दिल का ऐसा ज्ञान है जो प्रमाण की पहुंच से बहुत ज्यादा परे होता है। हम वर्तमान में जो भी सुन और देख सकते हैं, विश्वास हमको उसके पास ले जाता है और हमको एक ऐसी शक्ति के संपर्क में पहुंचा देता है जो हमसे बहुत दूर होता है।
अगर विश्वास को वास्तविकता में लाने के लिए कर्म आवश्यक है तो यह भी इतना ही सच है कि विश्वास विचार को कर्म में बदलने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। डर और शंका की वजह से हम झिझकते हैं। रुक जाते हैं और शायद परिवर्तन की प्रक्रियाओं को शुरू ही नहीं कर पायेंगे।
जब हम डर के साथ लगातार रहते हैं तो हम आखिरकार हर इच्छा को उठते ही खामोश कर देते हैं। इससे पहले कि यह आकार लेना शुरू कर दे। हमारे मन और आत्मा का वह हिस्सा जो बेहतर भविष्य की आशा करता है उस मोमबत्ती की तरह बुझा दिया जाएगा, जो हर मिनट हवा में ज्यादा तेज होने वाली हवा में बुझ जाती है। हम भविष्य के बारे में निराशावादी होंगे और हमारे डर साकार हो कर और बड़े हो सकते हैं सकते हैं। क्योंकि जिस तरह हमारे विश्वास अपने आप बढ़ते चले जाते हैं। उसी तरह हमारे डर तथा नकारात्मकता भी अपने आप बढ़ते चले जाते हैं।
हम उस साहस को खोज लेंगे जो हमने कभी सोचा भी नहीं था कि वह हममें है। आप में हैं। हम सबमें है। उन विपरीत स्थितियों में भी। जब आपमें और समाधान खोजने की सामर्थ्य और शक्ति होगी। जहां कोई दूसरा ऐसा नहीं कर पाएगा। हम वह पहला कदम उठा ही लेंगे जिसके बाद बाकी सारे कदम अपने आप ही उठते चले जायेंगे।
विश्वास होगा तो हम आसमान पर फैली उन स्पष्ट नीली रोशनी को देख पाएंगे।
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