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रविवार, मार्च 16, 2025
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कोरबा में 18 मार्च को चिट फंड पीड़ितों की महत्वपूर्ण बैठक: निवेशकों की डूबी रकम वापसी के लिए बनेगी ठोस रणनीति

कोरबा (पब्लिक फोरम)। लंबे समय से अपनी मेहनत की कमाई वापस पाने के लिए संघर्षरत कोरबा जिले के चिट फंड कंपनियों के पीड़ित निवेशकों और अभिकर्ताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक 18 मार्च को स्थानीय ओपन थिएटर में आयोजित की जा रही है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य चिट फंड कंपनियों में डूबी हुई रकम की वापसी के लिए एक प्रभावी रणनीति तैयार करना है।

लंबे संघर्ष की कहानी

कोरबा जिले के हजारों निवेशक और अभिकर्ता पिछले कई वर्षों से अपनी गाढ़ी कमाई वापस पाने के लिए निरंतर संघर्ष कर रहे हैं। इन लोगों ने अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए चिट फंड कंपनियों में पैसा लगाया था, लेकिन अब उनके सपने टूटते नजर आ रहे हैं।

“मैंने अपनी बेटी की शादी के लिए लगभग 5 लाख रुपये निवेश किए थे, लेकिन अब न तो पैसा है और न ही कोई उम्मीद,” स्थानीय निवासी रमेश कुमार सिंह ने दुख व्यक्त करते हुए कहा।

प्रशासन का रवैया

पीड़ितों ने बार-बार शासन-प्रशासन को पत्र लिखकर अपनी समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। यह स्थिति निवेशकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, जिनमें से अधिकांश मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोग हैं।

स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि मामला जटिल है और विभिन्न कानूनी प्रक्रियाओं के चलते समाधान में समय लग रहा है।

आगामी बैठक का महत्व

18 मार्च की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिनमें शामिल हैं:

– सामूहिक कानूनी कार्रवाई के विकल्प
– उच्च अधिकारियों तक पहुंच बनाने की रणनीति
– मीडिया और जनमत का सहारा लेना
– अन्य जिलों के पीड़ितों से समन्वय स्थापित करना

बैठक के आयोजकों के अनुसार, “यह सिर्फ पैसे की बात नहीं है, यह न्याय की लड़ाई है। हमें एकजुट होकर आवाज उठानी होगी।”

आम जनता का दर्द

चिट फंड घोटाले ने न केवल वित्तीय नुकसान पहुंचाया है, बल्कि कई परिवारों के भविष्य को भी अंधकारमय कर दिया है। कई परिवारों को अपने बच्चों की शिक्षा रोकनी पड़ी है, स्वास्थ्य सेवाओं से समझौता करना पड़ा है, और यहां तक कि दैनिक जरूरतों को पूरा करने में भी कठिनाई आ रही है।

“मेरी सारी जीवन भर की बचत डूब गई। अब बुढ़ापे में किसके सहारे जिऊंगा?” 67 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक ने पूछा।

इस महत्वपूर्ण बैठक से पीड़ितों को उम्मीद है कि कोई ठोस परिणाम सामने आएगा और उनकी वर्षों की लड़ाई का अंत होगा। समाज के सभी वर्गों से अनुरोध है कि वे इस मुद्दे पर ध्यान दें और पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाएं।

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