कोरबा/बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। 11 अक्टूबर 2024 का दिन, बालको परसाभांठा बाजार का था। इस महत्वपूर्ण मार्ग पर प्रशासन ने बाजार के दिन भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध (नो एंट्री) लगाया हुआ है, ताकि आम नागरिकों को कोई असुविधा न हो। लेकिन आज की स्थिति कुछ और ही थी।
आज नवमी का दिन भी था, जिस वजह से बाजार और आसपास के इलाकों में लोगों की भीड़ सामान्य से अधिक थी। बावजूद इसके, प्रशासनिक नियमों की अनदेखी करते हुए भारी वाहनों को इस प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति दी गई। ये वाहन बिना किसी भय के नो एंट्री वाले इलाके में प्रवेश कर रहे थे, जो लोगों की सुरक्षा और यातायात की व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा था।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बालको थाना इस मार्ग के बिलकुल बगल में स्थित है, फिर भी इस प्रकार की अनियमितता पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही। यह सवाल खड़ा करता है कि क्या प्रशासन और पुलिस की ओर से पर्याप्त निगरानी की जा रही है?
यह मामला सिर्फ यातायात नियमों के उल्लंघन का नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अवहेलना का भी है। जब एक क्षेत्र में स्पष्ट रूप से भारी वाहनों के लिए प्रतिबंध लागू किया गया हो, तो उसका पालन सुनिश्चित करना पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी है।
बाजार के दिन जब लोगों की आवाजाही पहले से ही बढ़ जाती है, ऐसे समय में नियमों को ढील देना न केवल प्रशासनिक नाकामी है, बल्कि इससे लोगों की जान-माल को भी खतरा हो सकता है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और लोग सुरक्षित महसूस कर सकें।
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