खुद को जानना यानी “स्वयं को पहचानना” एक ऐसी चाबी है जो जिंदगी के हर ताले को खोल सकती है। यह कोई परीक्षा नहीं है जिसमें पास या फेल हुआ जाता है। यह एक सफर है, जैसे धीरे-धीरे एक प्यारे से गाँव या शहर को घूम-घूम कर देखना और जानना। इस सफर पर निकलने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण चीजों को जानने और समझने की जरूरत होती है।
अपनी भावनाओं को पहचानना और समझना
सबसे पहली और जरूरी सीढ़ी है अपने मन के अंदर चल रही भावनाओं को पहचानना।
· क्यों जरूरी है? अगर आप यह नहीं जानते कि आपको किस बात से गुस्सा आता है, क्या देखकर खुशी होती है, या कौन सी बात आपको डराती है, तो आप अपनी जिंदगी के फैसले ठीक से नहीं ले पाएंगे। आप हमेशा दूसरों की बातों में उलझे रहेंगे।
· कैसे जानें?
· रोज शाम 5 मिनट बैठकर सोचें: “आज दिनभर में मैंने कैसा महसूस किया?”
· जब भी कोई बड़ी भावना आए (जैसे बहुत गुस्सा या बहुत दुख), तो अपने आप से पूछें: “यह feeling आखिर क्यों आई? ऐसा क्या हुआ जिससे मेरा मन इतना विचलित हो गया?”
· अपनी भावनाओं को नाम दें: “यह डर है,” “यह उत्साह है,” “यह jealousy है।”

अपनी सोच और विश्वास को जानना
हमारे दिमाग में बहुत सारी thoughts चलती रहती हैं। कुछ विचार हमारे अपने होते हैं, तो कुछ विचार हमने बचपन से माँ-बाप, शिक्षकों, समाज और दोस्तों से सुन-सुनकर अपना लिए होते हैं। इन्हें “मान्यताएं” या “Beliefs” कहते हैं।
· क्यों जरूरी है? कई बार यही पुरानी मान्यताएं हमारी growth को रोक देती हैं। जैसे, “मैं यह काम नहीं कर सकता,” “मेरे लिए यह संभव नहीं है,” “लोग क्या कहेंगे?” खुद को जानने का मतलब है इन छुपे हुए विचारों को ढूंढना और देखना कि क्या ये सच हैं या नहीं।
· कैसे जानें?
· अपने negative thoughts पर नजर रखें। जब भी आप खुद के बारे में कोई बुरा सोचें, तुरंत रुकें और सवाल करें: “क्या यह बात सौ प्रतिशत सच है?”
· अपनी values (मूल्य) पहचानें। आपके लिए जिंदगी में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण क्या है? ईमानदारी, परिवार, पैसा, मदद करना? इन Values को जानने से फैसले लेने आसान हो जाते हैं।

अपनी ताकत और कमजोरी पहचानना
हर इंसान में कुछ खास बातें होती हैं जो उसे दूसरों से अलग बनाती हैं। कुछ चीजें आप बहुत अच्छा करते हैं, तो कुछ चीजें आपसे नहीं हो पातीं।
· क्यों जरूरी है? अपनी ताकत जानने से आप आत्मविश्वासी बनते हैं और सही रास्ता चुन पाते हैं। अपनी कमजोरी जानने से आप उसे सुधार सकते हैं या उसके अनुसार अपनी योजना बना सकते हैं। इससे झूठा घमंड या झूठी हीनभावना (inferiority complex) दोनों से छुटकारा मिलता है।
· कैसे जानें?
· अपने पुराने कामों और success को याद करें। आखिर वो काम आपने कैसे किया? आपमें ऐसा क्या खास था?
· करीबी दोस्तों और परिवार से पूछें: “आपकी नजर में मेरी सबसे बड़ी खूबी और एक कमी क्या है?”
· नई-नई चीजें try करते रहें। इससे पता चलेगा कि आप किसमें skilled हैं और किसमें नहीं।
अपनी इच्छाएं और लक्ष्य जानना
आप सच में जिंदगी से क्या चाहते हैं? यह सवाल बहुत बड़ा लगता है, लेकिन इसका जवाब खोजना बहुत जरूरी है।
· क्यों जरूरी है? बहुत से लोग सिर्फ दूसरों को देखकर भागते रहते हैं। कोई doctor बन रहा है तो वो doctor बनने लगता है, कोई business कर रहा है तो वो business करने लगता है। लेकिन जब आप अपनी खुद की इच्छा को जानते हैं, तो आपकी दौड़ खत्म हो जाती है और सफर शुरू होता है।
· कैसे जानें?
· खुद से पूछें: “अगर पैसा कोई मायने नहीं रखता, तो मैं अपना समय कैसे बिताना चाहूंगा?”
· सपने देखें। अपने ideal life के बारे में सोचें। उस जिंदगी में आप क्या कर रहे हैं, कहाँ हैं, और कैसा महसूस कर रहे हैं?
· छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं और उन्हें पूरा करने की कोशिश करें। इससे आपको अंदाजा होगा कि आप किस दिशा में जाना चाहते हैं।

अपने शरीर और उसकी जरूरतों को जानना
आपका शरीर और मन एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। जब शरीर अस्वस्थ होगा, तो मन भी उदास और कमजोर रहेगा।
· क्यों जरूरी है? थका हुआ शरीर positive सोच नहीं रख पाता। खुद को जानने का मतलब यह भी है कि आप जानें कि किस food से आपका पेट खराब होता है, कितनी नींद लेने पर आप fresh feel करते हैं, और किस तरह का exercise आपको enjoy करना है।
· कैसे जानें?
· ध्यान दें कि कौन सा खाना खाने के बाद आप energetic feel करते हैं और कौन सा खाना खाने के बाद सुस्त और आलसी हो जाते हैं।
· अपनी नींद का routine बनाएं।
· थोड़ा समय nature के बीच बिताएं। इससे दिमाग शांत होता है।
यह सफर कभी खत्म नहीं होता
खुद को जानना कोई ऐसा homework नहीं है जिसे एक बार पूरा करके आप forget कर दें। जैसे-जैसे समय बीतता है, आप बदलते हैं। आपकी सोच, आपकी परिस्थितियाँ और आपकी इच्छाएं बदलती हैं। इसलिए यह एक लगातार चलने वाली process है।
इस सफर का मकसद अपने आप को पूरी तरह बदलना नहीं, बल्कि अपने आप को पूरी तरह स्वीकार करना है। अपनी अच्छाइयों के साथ-साथ अपनी कमियों को भी गले लगाना है। जब आप खुद को अच्छे से जान और समझ लेते हैं, तो फिर दूसरों की बातों, उनके criticism और दुनिया के दबाव से आजाद हो जाते हैं। आप खुद अपने सबसे अच्छे दोस्त बन जाते हैं और यही खुद को जानने की सबसे बड़ी जीत है।
शुभकामनाएं!










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