नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। भाजपा के शीर्ष नेताओं की दिल्ली में हुई बैठकों ने सभी का ध्यान खींचा है। प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इसके अलावा, चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी भेंट की।
इन मुलाकातों का मुख्य उद्देश्य पार्टी में एकजुटता बनाए रखना और आने वाले चुनावों की तैयारी करना है। केंद्रीय नेतृत्व ने दोनों नेताओं को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे एक-दूसरे को कमजोर करने की बजाय, 2027 के चुनाव की तैयारी पर ध्यान दें।
सूत्रों के अनुसार, इन बैठकों में नेताओं को संयमित भाषा का प्रयोग करने और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की सलाह दी गई है। साथ ही, उत्तर प्रदेश में संगठन और सरकार स्तर पर मौजूद कमियों को जल्द दूर करने का आश्वासन भी दिया गया है।
यह घटनाक्रम मौर्य द्वारा हाल ही में दिए गए बयान के बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने संगठन को सरकार से बड़ा बताया था। इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा छेड़ दी थी।
भाजपा नेतृत्व की यह पहल पार्टी में आंतरिक मतभेदों को दूर करने और एक मजबूत, एकजुट मोर्चा प्रस्तुत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
केशव मौर्य और भूपेंद्र चौधरी की हाई-लेवल मुलाकातों से भाजपा में हलचल, संगठन में एकजुटता की कोशिश!
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