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छत्तीसगढ़ में गर्मी का कहर: समाजसेवी मोहम्मद न्याज नूर ने की स्कूलों की छुट्टी बढ़ाने की मांग

कोरबा (पब्लिक फोरम)। पूरे छत्तीसगढ़ में पड़ रही भीषण और उमस भरी गर्मी के बीच, युवा समाजसेवी मोहम्मद न्याज नूर आरबी (अध्यक्ष-नागरिक जन सेवा समिति, कोरबा) ने प्रदेश के सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश 15 जून से आगे बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को एक मार्मिक पत्र लिखा है और इसे कोरबा कलेक्टर को भी सौंपा है।

अपने पत्र में मोहम्मद न्याज नूर आरबी ने कहा है कि ऊर्जाधानी कोरबा, राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी का कहर जारी है। जून माह में भी तापमान लगातार 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है। सुबह 9-10 बजे से ही तेज धूप और गर्मी का प्रकोप शुरू हो जाता है, जिससे सड़कें तप रही हैं और गर्म हवाओं ने बड़े-बुजुर्गों का जीना मुहाल कर दिया है। सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति विद्यालयों और महाविद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की है, जिनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही है।
युवा नेता ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी स्थिति में छोटे बच्चों के लिए नया स्कूल सत्र शुरू करना किसी भी सूरत में उचित नहीं है। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व के वर्षों में भी भीषण गर्मी को देखते हुए बच्चों के विद्यालयों और महाविद्यालयों के शुरू होने से पहले ही ग्रीष्मकालीन अवकाश बढ़ाने की घोषणा की गई थी।

मोहम्मद न्याज नूर आरबी ने विनम्र आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री से अपील की है कि बच्चों को इस भीषण गर्मी और धूप के प्रचंड कहर से बचाने के लिए, शासकीय और अशासकीय दोनों वर्गों के प्राथमिक, मिडिल, हाई और हायर सेकेंडरी विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में तत्काल ग्रीष्मकालीन अवकाश को 30 जून (सोमवार) तक बढ़ाने की घोषणा की जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि भले ही बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन मोड में करवाई जाए, लेकिन उन्हें इस गर्मी में स्कूल जाने से राहत मिलनी चाहिए।

मोहम्मद न्याज नूर आरबी ने भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” के कथन का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री से जल्द से जल्द आवश्यक आदेश/निर्देश जारी करने का कष्ट करने का आग्रह किया है, ताकि बच्चों को गर्मी में अध्यापन करने जाने से राहत मिल सके।

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