हाथरस (पब्लिक फोरम)। उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई भीषण भगदड़ त्रासदी में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। मधुकर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था और वह घटना के बाद से ही कानून की गिरफ्त से दूर था।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में 121 लोगों की जान चली गई थी, जो एक सत्संग कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह के अनुसार, मधुकर ने दिल्ली में आत्मसमर्पण किया और उसे रात दस बजे यूपी पुलिस की विशेष जांच दल के हवाले कर दिया गया।
हाथरस के पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा, “मधुकर को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी सड़क पर की गई है, न कि किसी अस्पताल से।”
वकील एपी सिंह ने बताया कि मधुकर दिल्ली में अपना इलाज करवा रहा था और वह जांच में सहयोग करना चाहता है। उन्होंने यह भी कहा कि सत्संग के लिए प्रशासन से अनुमति लेने और कार्यक्रम के मुख्य आयोजक होने का श्रेय भी मधुकर को ही जाता है।
मधुकर पर गैर इरादतन हत्या, सबूत मिटाने समेत भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज है। आगरा जोन की एडीजी अनुपम कुलश्रेष्ठ ने बताया कि विशेष जांच दल (एसआईटी) जल्द ही मुख्यमंत्री को अंतिम रिपोर्ट सौंपेगी। अब तक 132 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं।
इस बीच, पुलिस नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा को भी पूछताछ के लिए तलाश रही है, हालांकि वे प्राथमिकी में नामजद नहीं हैं। एक पुलिस अधिकारी ने स्पष्ट किया कि अभी तक किसी को क्लीनचिट नहीं दी गई है।
इस त्रासदी की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग शनिवार को हाथरस पहुंचने वाला है। यह आयोग घटना की जड़ तक जाकर सच्चाई का पता लगाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस सुझाव देगा।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि “भीड़ का शोर सुनकर नहीं, विवेक की आवाज सुनकर चलना चाहिए।” आयोजकों और प्रशासन दोनों को इस त्रासदी से सबक लेना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और लोगों की जान बचाई जा सके।
Recent Comments