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बुधवार, फ़रवरी 5, 2025
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ग्रैमी विजेता बांसुरी वादक राकेश चौरसिया का चक्रधर समारोह में पहली बार प्रदर्शन: 10 सितंबर को गूंजेंगी सुरों की महफिल!

रायगढ़ (पब्लिक फोरम)। संगीत प्रेमियों के लिए यह वर्ष बेहद खास होने जा रहा है, क्योंकि 39वें चक्रधर समारोह में पहली बार ग्रैमी अवार्ड विजेता बांसुरी वादक राकेश चौरसिया अपनी धुनों का जादू बिखेरने आ रहे हैं। 10 सितंबर की शाम, संगीत की यह अद्भुत प्रस्तुति दर्शकों को बांसुरी की मधुर ध्वनियों और तबले की ताल के संगम का आनंद देगी।

राकेश चौरसिया, पद्म विभूषण से सम्मानित महान बांसुरी वादक श्री हरिप्रसाद चौरसिया के भतीजे और शिष्य हैं। संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान और प्रतिभा ने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई है। उन्होंने न केवल सोलो बांसुरी वादक के रूप में प्रसिद्धि पाई है, बल्कि फिल्म संगीत में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

ग्रैमी में दोहरी सफलता
इस वर्ष 2024 के ग्रैमी अवॉर्ड्स में श्री राकेश चौरसिया ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, जहां उन्हें दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया। उनके एल्बम ‘एस वी स्पीक’ ने ‘सर्वश्रेष्ठ समकालीन वाद्य एल्बम’ की श्रेणी में जीत हासिल की, वहीं इसी एल्बम के ‘पश्तो’ ट्रैक को ‘सर्वश्रेष्ठ वैश्विक संगीत प्रदर्शन’ के लिए भी सम्मानित किया गया। खास बात यह है कि यह पहला मौका था जब श्री चौरसिया को ग्रैमी के लिए नामांकित किया गया, और उन्होंने दोनों श्रेणियों में अवार्ड जीतकर अपनी बेमिसाल प्रतिभा साबित की।

अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों के साथ जुगलबंदी
श्री राकेश चौरसिया का ग्रैमी विजेता एल्बम ‘एस वी स्पीक’ एक विशेष इंस्ट्रुमेंटल एल्बम है, जिसमें उन्होंने उस्ताद जाकिर हुसैन, अमेरिकी बैंजो वादक बेला फ्लेक और बेस गिटारिस्ट एडगर मायर जैसे अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों के साथ मिलकर काम किया है। इस एल्बम की धुनों ने वैश्विक स्तर पर संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया है।

चक्रधर समारोह में पहली बार ग्रैमी विजेता की शिरकत
चक्रधर समारोह के इतिहास में यह पहली बार है जब ग्रैमी अवार्ड विजेता कोई कलाकार, पुरस्कृत होने के बाद समारोह में हिस्सा ले रहा है। श्री राकेश चौरसिया की प्रस्तुति दर्शकों के लिए एक यादगार अनुभव होगी। यह अवसर न केवल संगीत प्रेमियों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि भारतीय शास्त्रीय संगीत की समृद्ध परंपरा को भी वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का एक अद्भुत मौका है।

इस अनोखे अवसर पर राकेश चौरसिया की बांसुरी की सुरमयी धुनों के साथ ताल मिलाते हुए तबले की थाप, संगीत प्रेमियों को एक अलौकिक अनुभव प्रदान करेगी। समारोह में उनकी उपस्थिति और प्रस्तुति, भारतीय संगीत की विरासत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। (ब्यूरो प्रमुख : राघवेंद्र वैष्णव)

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