रविवार, जुलाई 13, 2025
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आंगनबाड़ी सामग्री में घटिया सप्लाई पर सरकार का सख्त एक्शन: 6 सप्लायर ब्लैकलिस्टेड, भुगतान पर रोक

रायपुर (पब्लिक फोरम)। प्रदेश की आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों और महिलाओं के लिए भेजी गई सामग्रियों की गुणवत्ता को लेकर उठे सवालों पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने त्वरित और सख्त कार्रवाई की है। मंत्री के निर्देश पर गठित राज्य स्तरीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसके आधार पर छह सप्लायरों को जेम पोर्टल से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। इन एजेंसियों को भविष्य में किसी भी सरकारी सप्लाई से वंचित कर दिया जाएगा।

जांच और कार्रवाई का विवरण
मंत्री श्रीमती राजवाड़े के सख्त रुख के बाद, राज्य स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया था, जिसमें संयुक्त संचालक (वित्त), सीएसआईडीसी और जीईसी रायपुर के तकनीकी प्रतिनिधि, संबंधित जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी, सहायक संचालक (आईसीडीएस) और दो तकनीकी निरीक्षण एजेंसियों SGS इंडिया व IRCLASS सिस्टम्स के विशेषज्ञ शामिल थे। समिति ने सभी जिलों में सामग्री की गुणवत्ता का भौतिक परीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट संचालनालय को सौंपी।

रिपोर्ट के आधार पर, मेसर्स नमो इंटरप्राईजेस, मेसर्स आयुष मेटल, मेसर्स अर्बन सप्लायर्स, मेसर्स मनीधारी सेल्स, मेसर्स ओरिएंटल सेल्स और मेसर्स सोनचिरैया कॉर्पाेरेशन को घटिया सामग्री की आपूर्ति के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया है। इन एजेंसियों से घटिया सामग्री वापस मंगवाकर मानकों के अनुरूप नई सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित कराई गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के अनुरूप की गई यह कार्रवाई राज्य सरकार की सुदृढ़ प्रशासनिक इच्छाशक्ति और पारदर्शिता का प्रमाण है।

पारदर्शिता और गुणवत्ता पर जोर
महिला एवं बाल विकास विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि वर्ष 2024-25 में जेम पोर्टल के माध्यम से कुल 23.44 करोड़ रुपये की सामग्री खरीदी गई थी, न कि कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताए गए 40 करोड़ रुपये। विभाग ने खरीद प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बताया है और कहा है कि सभी सामग्रियों की सप्लाई से पहले और बाद में गुणवत्ता जांच कराई गई थी।

जांच समिति ने रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जशपुर, सरगुजा और जांजगीर-चांपा जिलों में प्रदाय की गई सामग्रियों का गहन निरीक्षण किया। रिपोर्ट में पाया गया कि कुछ टेबल असेंबल नहीं थे, जिन्हें बाद में ठीक कराया गया। अनाज कोठी भारतीय मानक (BIS) के अनुरूप नहीं मिलने पर मेसर्स नमो इंटरप्राइजेस और आयुष मेटल से सामग्री बदली गई और दोनों को जेम से प्रतिबंधित किया गया। स्टील ट्रे के साइज और वजन में भिन्नता पर मेसर्स अर्बन सप्लायर्स, मनीधारी सेल्स व ओरिएंटल सेल्स से सामग्री रिप्लेस कराई गई, जबकि तवा की गुणवत्ता कम मिलने पर मेसर्स सोनचिरैया कॉर्पाेरेशन को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। कढ़ाई अधिकांश मापदंडों पर सही पाई गई, जबकि अलमारी, कुकर, चम्मच और गिलास जैसी अन्य सामग्रियां अधिकतर स्थानों पर मानकों के अनुरूप थीं।

विभाग ने जोर देकर कहा कि किसी भी खराब सामग्री के लिए एजेंसियों को कोई भुगतान नहीं किया गया है, क्योंकि भुगतान केवल गुणवत्ता परीक्षण के बाद ही होता है। सभी दोषपूर्ण सामग्रियों को वापस लेकर मानक सामग्री उपलब्ध कराई जा चुकी है।

मंत्री का बयान
इस मामले पर मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा, “बच्चों और महिलाओं से जुड़ी सेवाओं में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। हमने तत्परता और पारदर्शिता के साथ जांच पूरी कर दोषियों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई की है। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों तक केवल सुरक्षित, मजबूत और गुणवत्तापूर्ण सामग्री ही पहुंचे।”

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