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सोमवार, दिसम्बर 23, 2024
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शासकीय चिकित्सक नहीं कर सकेंगे कर्तव्य अवधि में निजी प्रैक्टिस: कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश!

कोरबा (पब्लिक फोरम)। शासकीय चिकित्सकों और चिकित्सा शिक्षकों के लिए कर्तव्य अवधि में निजी प्रैक्टिस पर रोक सुनिश्चित करने के लिए वित्त विभाग द्वारा समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इस दिशा में कलेक्टर अजीत वसंत और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. एस.एन. केशरी ने सभी शासकीय चिकित्सकों को अपने निर्धारित कार्यावधि में अस्पताल में मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, कर्तव्य अवधि में निजी प्रैक्टिस करते पाए जाने वाले चिकित्सकों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

सीएमएचओ डॉ. केशरी ने बताया कि वित्त विभाग के निर्देशानुसार लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के चिकित्सक निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं, लेकिन केवल कर्तव्य अवधि के बाद। इसके अलावा, नर्सिंग होम या प्राइवेट क्लीनिक में जाकर प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं है। चिकित्सा शिक्षकों के मामले में, उनके लिए भी निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध रहेगा, परंतु वे भी केवल कर्तव्य अवधि के बाद ही यह कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें महाविद्यालय के अधिष्ठाता या प्राचार्य को लिखित रूप में आवेदन करना होगा।

शासकीय चिकित्सकों की कर्तव्य अवधि में निजी प्रैक्टिस पर रोक का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और जनता को समर्पित सेवा सुनिश्चित करना है। कर्तव्य के समय चिकित्सालय में उपस्थित रहना न केवल चिकित्सकों की जिम्मेदारी है, बल्कि यह मरीजों के प्रति उनकी नैतिक जिम्मेदारी भी है। हालांकि, निजी प्रैक्टिस की अनुमति कर्तव्य अवधि के बाद दी गई है, जिससे चिकित्सक अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं, लेकिन इसका पालन सख्ती से होना चाहिए। निर्देशों का उल्लंघन न केवल अनुशासनहीनता है, बल्कि यह आम जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ समझौता भी है। शासन द्वारा उठाए गए ये कदम स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने और जनता को समर्पित, गुणवत्ता युक्त चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास हैं।

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