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रविवार, सितम्बर 28, 2025
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गेवरा खदान: हैवी ब्लास्टिंग से परेशान ग्रामीणों का आंदोलन स्थगित, प्रशासनिक आश्वासन पर मिली राहत

कोरबा (पब्लिक फोरम)। गेवरा खदान में हो रही हैवी ब्लास्टिंग के कारण परेशान ग्रामीणों ने दो दिन तक उत्पादन कार्य ठप कर दिया। पत्थरों और बोल्डरों के गिरने से भयभीत ग्रामीण, अपने घरों की सुरक्षा और मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा समस्या के समाधान का आश्वासन मिलने के बाद आंदोलन फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) के गेवरा क्षेत्र के अमगांव, दर्राखांचा, जोकही, और डबरी गांवों के पास खदानों में उत्पादन के लिए किए जा रहे ब्लास्टिंग से ग्रामीणों के घरों को नुकसान हो रहा है। मकानों की छतें और दीवारें क्षतिग्रस्त हो रही हैं, जिससे लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। गुरुवार को एक घर की छत टूटने की घटना ने ग्रामीणों का गुस्सा भड़का दिया और उन्होंने खदान में ब्लास्टिंग का काम बंद करवा दिया।

ग्रामीणों की प्रमुख मांगे:
ग्रामीणों ने एसईसीएल प्रबंधन और प्रशासन के समक्ष निम्नलिखित मांगें रखीं।
1. ब्लास्टिंग बंद हो: गांव और आबादी क्षेत्र के 500 मीटर के दायरे में ब्लास्टिंग पर पूरी तरह रोक लगाई जाए।
2. संपूर्ण सुविधाएं: विस्थापितों को नेहरू नगर बतारी बसाहट स्थल पर सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
3. मुआवजा कटौती रोकी जाए: मुआवजा में किसी भी प्रकार की कटौती बंद हो।
4. रोजगार और पुनर्वास: विस्थापन, रोजगार और मुआवजा जैसे प्रकरणों का तुरंत निपटारा किया जाए।
5. आश्वासन की पूर्ति: अमगांव और अन्य प्रभावित गांवों के परिवारों को पूर्व में दिए गए आश्वासनों के अनुसार बसाहट की राशि प्रदान की जाए।
6. 100% सॉलिशियम: निजी और सरकारी भूमि पर बने मकानों के लिए पूरा मुआवजा दिया जाए।
7. स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार: आउटसोर्सिंग कंपनियों में बाहरी लोगों की भर्ती बंद कर क्षेत्रीय बेरोजगारों को 100% रोजगार दिया जाए।

दो दिन चला आंदोलन, प्रबंधन पर बढ़ा दबाव
गुरुवार से शुरू हुए आंदोलन के कारण खदान का उत्पादन प्रभावित होने लगा। शुक्रवार को स्थिति और गंभीर हो गई। इस दौरान कलिंगा कंपनी के जीएम विकास दुबे और एसईसीएल दीपका प्रबंधन के उप महाप्रबंधक मनोज कुमार ने ग्रामीणों से बातचीत की, लेकिन ग्रामीणों ने अपनी मांगों पर अडिग रहते हुए गेवरा प्रबंधन से सीधी वार्ता की मांग की।
शुक्रवार को तहसीलदार विष्णु प्रसाद पैकरा, पटवारी विवेक कंवर और हरदीबाजार थाना प्रभारी मृत्युंजय पांडेय सहित अन्य अधिकारियों ने आंदोलनकारियों से चर्चा की। प्रशासन ने दो दिन के भीतर गेवरा प्रबंधन के साथ बैठक करवाने और सभी समस्याओं का निराकरण कराने का भरोसा दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने आंदोलन समाप्त करने का फैसला किया।
ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि यदि दो दिनों में उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे फिर से आंदोलन करेंगे और ब्लास्टिंग का काम पूरी तरह बंद कराएंगे। साथ ही, उन्होंने मांग की है कि विस्थापन के लिए छह महीने का समय दिया जाए। पहले मुआवजे का भुगतान हो और फिर रहने की वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जाए। इसके अलावा, ग्रामीणों ने डीजीएमएस बिलासपुर के समक्ष शिकायत दर्ज कराने की बात भी कही।

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