नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आधे किराए पर मिलेगी यात्रा सुविधा, त्योहारी सीजन में किराया वसूली पर सख्ती।
किराया बढ़ाने पर कार्रवाई में लगे साढ़े चार लाख का जुर्माना।
रायपुर (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ सरकार ने समाज के जरूरतमंद वर्गों को राहत देने के उद्देश्य से एचआईवी पीड़ित, दृष्टिहीन, दोनों पैरों से दिव्यांग और 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार की इस योजना का उद्देश्य इन लोगों को सामाजिक मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें स्वतंत्रता और सम्मान से यात्रा करने का अधिकार प्रदान करना है।
इसके साथ ही, नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए विशेष सुविधा दी गई है। नक्सल प्रभावित प्रमाण पत्र धारक व्यक्ति को यात्री बस में सफर करने पर किराए में 50 प्रतिशत की रियायत दी जा रही है। यह सुविधा विशेष रूप से बस्तर जैसे माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को लाभान्वित करने में सहायक साबित हो रही है, जहां लोगों के लिए सुरक्षित यात्रा का अभाव है।
परिवहन सुविधाओं में सुधार और अवैध वसूली पर सख्त कार्रवाई
राज्य सरकार ने यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिए प्रदेश के विभिन्न मार्गों पर साधारण से लेकर एसी बसें संचालित की हैं। त्योहारों के सीजन में, जब लोग अधिक यात्रा करते हैं, उस दौरान अधिक किराया वसूली की संभावना बढ़ जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग ने सभी अधिकारियों को अवैध किराया वसूली पर सख्ती बरतने और शिकायतों का त्वरित निपटारा करने के निर्देश दिए हैं।
परिवहन विभाग ने सभी यात्री बसों में किराया सूची चस्पा करने के निर्देश भी जारी किए हैं ताकि यात्रियों को किराए की स्पष्ट जानकारी मिल सके। इसके अनुपालन में विभागीय अधिकारियों ने प्रदेश भर में जांच अभियान चलाया, जिसमें 349 यात्री वाहनों पर अवैध वसूली और बिना किराया सूची चस्पा पाए जाने पर चालानी कार्रवाई की गई। इस अभियान के तहत कुल 4,47,800 रुपये का जुर्माना वसूला गया है, जो कि एक मजबूत संदेश है कि सरकार यात्री हितों के प्रति प्रतिबद्ध है।
जनता से अपील और शिकायत के अधिकार
परिवहन विभाग ने आम जनता से अपील की है कि जिन यात्रियों को राज्य सरकार द्वारा किराए में रियायत दी गई है, उन्हें यात्रा के दौरान इसका लाभ अवश्य मिलना चाहिए। यदि किसी यात्री को छूट देने से इनकार किया जाता है या दुर्व्यवहार या अवैध वसूली का सामना करना पड़ता है, तो वे संबंधित जिले के परिवहन अधिकारी से शिकायत कर सकते हैं। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे इन शिकायतों को गंभीरता से लें और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि जनता को राहत मिल सके और यातायात व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे।
इस पहल के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार ने सामाजिक समानता और नागरिकों के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह योजना न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को राहत प्रदान करती है, बल्कि राज्य में परिवहन सेवाओं को सुगम और पारदर्शी बनाने का भी कार्य कर रही है।
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