धुर नक्सल प्रभावित नारायणपुर और कोंडागाँव ज़िले के आदिवासी युवाओं का राज्य तीरंदाज़ी खेल अकादमी में चयन
रायपुर (पब्लिक फोरम)। नक्सल प्रभावित नारायणपुर और कोंडागाँव ज़िले के चार युवा अब राज्य तीरंदाज़ी खेल अकादमी में तीरंदाज़ी की बारीकियाँ सीखेंगे। वनवासी विकास समिति की कोचिंग के माध्यम से इन चारों युवाओं का चयन राज्य सरकार के खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवासीय तीरंदाज़ी खेल अकादमी के लिए हुआ है।
इन चारों तीरंदाज़ों को रायपुर में स्थित एकलव्य खेलकूद प्रकल्प के अंतर्गत वनवासी विकास समिति के प्रशिक्षकों ने प्रशिक्षण दिया है। इनका चयन राज्य के सभी जिलों के 13 से 17 वर्ष आयु के खिलाड़ियों के बैटरी टेस्ट और खेल कौशल प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन के आधार पर किया गया है।
कोंडागाँव ज़िले के खिलेश भद्रे और नारायणपुर ज़िले के राहुल उसेंडी, मुकेश मंडावी, और अविनाश कावडे ने रायपुर में वनवासी विकास समिति के खेलकूद प्रकल्प में तीरंदाज़ी की कोचिंग ली और अब ये चारों राज्य तीरंदाज़ी अकादमी में तीन साल का निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। अकादमी में आवास और भोजन व्यवस्था भी निःशुल्क होगी।
ज्ञात हो कि वनवासी विकास समिति ने 10 से 30 मई 2024 तक 20 दिवसीय तीरंदाज़ी प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किया था। इस वर्ग में 12 से 16 वर्ष की आयु के बालक और बालिकाएँ शामिल हुए थे और तीरंदाज़ी का आधारभूत प्रशिक्षण प्राप्त किया था। इन्हीं में से चार खिलाड़ी राज्य अकादमी में प्रशिक्षण के लिए चयनित हुए हैं। वनवासी विकास समिति ने सभी चयनित खिलाड़ियों को शुभकामनाएँ दी हैं।
इस खबर में चार आदिवासी युवाओं की सफलता की कहानी है, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से हैं। इन युवाओं ने कठिन परिस्थितियों में रहते हुए भी अपने खेल कौशल को निखारा और राज्य तीरंदाज़ी अकादमी में चयनित हुए। यह न केवल उनकी कड़ी मेहनत का प्रमाण है, बल्कि वनवासी विकास समिति की सकारात्मक भूमिका का भी उदाहरण है। समिति ने इन युवाओं को तीरंदाज़ी के गुर सिखाए और उन्हें बेहतर अवसर प्रदान किया।
नक्सल प्रभावित इलाकों के चार आदिवासी तीरंदाज़ राज्य अकादमी में करेंगे तीरंदाज़ी का अभ्यास
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