नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। भारतीय राजनीति के महान हस्ताक्षर, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। 92 वर्षीय डॉ. सिंह लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्हें आज शाम अचानक तबीयत बिगड़ने पर AIIMS में भर्ती कराया गया, जहां उनका देहांत हो गया। हालांकि, उनके निधन की आधिकारिक पुष्टि अभी परिवार, कांग्रेस पार्टी या अस्पताल प्रशासन की ओर से नहीं की गई है।
कांग्रेस नेता और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उनके निधन की खबर साझा की। इसके बाद रॉबर्ट वाड्रा, पप्पू यादव और मनोज झा जैसे नेताओं ने भी सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया।
दिल्ली कांग्रेस ने अपने आधिकारिक अकाउंट पर लिखा, “प्रख्यात अर्थशास्त्री और देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी का निधन भारतीय राजनीति की अपूरणीय क्षति है। उनके योगदान को सदा स्मरण किया जाएगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।”
इस खबर के बाद, कर्नाटक के बेलगावी में चल रही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी गई। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने बैठक छोड़कर दिल्ली के लिए प्रस्थान किया। 27 दिसंबर को कांग्रेस के सभी निर्धारित कार्यक्रम भी रद्द कर दिए गए हैं।
AIIMS के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। प्रियंका गांधी पहले ही अस्पताल पहुंच चुकी हैं, और सोनिया गांधी के भी जल्द पहुंचने की जानकारी है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई है।
डॉ. मनमोहन सिंह: एक प्रख्यात अर्थशास्त्री और सादगी के प्रतीक
डॉ. मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक दो बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व किया। एक प्रख्यात अर्थशास्त्री के रूप में उनकी पहचान देश की आर्थिक नीतियों में ऐतिहासिक सुधारों के लिए की जाती है। उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत पहचान बनाई।
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर राजनीतिक और सामाजिक जगत में गहरा शोक व्याप्त है। उनके योगदान को याद करते हुए देशभर में श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन हो सकता है।
उनकी सादगी, विनम्रता और निष्कलंक छवि ने उन्हें राजनीति में एक अलग पहचान दिलाई। डॉ. सिंह का जाना न केवल कांग्रेस पार्टी बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके आर्थिक और सामाजिक सुधारों के योगदान को आने वाली पीढ़ियां हमेशा याद रखेंगी। विनम्र श्रद्धांजलि।
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