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शनिवार, मार्च 15, 2025
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शहीद गुंडाधुर की याद में जमी फुटबॉल की महफिल: कुटुरुवा एफसी ने लहराया विजय का परचम!

कोरबा/लेमरू (पब्लिक फोरम)। स्वतंत्रता दिवस के रंग में रंगा लेमरू का कुटुरुवा गाँव, जहाँ फुटबॉल के माध्यम से शहीद गुंडाधुर को श्रद्धांजलि दी गई। पलोटी सेवा आश्रम और बामसेफ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस एकदिवसीय फुटबॉल टूर्नामेंट ने न केवल खेल प्रेमियों का दिल जीता, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के नायकों की याद को भी ताजा किया।
कुल दस टीमों के बीच हुए इस रोमांचक मुकाबले में कुटुरुवा एफसी ने अपने शानदार खेल से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। फाइनल में कड़े संघर्ष के बाद कुटुरुवा एफसी ने कापुडाड को पछाड़कर विजेता का ताज अपने सर सजाया। विजेता टीम को 7,000 रुपये का नकद पुरस्कार और शानदार जर्सी से नवाजा गया, जबकि उपविजेता कापुडाड को 3,000 रुपये और जर्सी से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बामसेफ कोरबा जिला अध्यक्ष प्रवीण पालिया ने अपने संबोधन में पाँचवी अनुसूची और पेसा कानून की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “यह टूर्नामेंट केवल खेल का आयोजन नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, स्वतंत्रता और स्वशासन के प्रति समर्पण का प्रतीक है।”
विशिष्ट अतिथियों में फादर विजय तिग्गा, फादर अशोक मांझी, और फादर सुमन मिंज ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। गोग्गी भूल्लर, योगेश साहू, प्रदीप बंदे, विवेक यादव, अनिल आदित्य, शिव श्रीवास, प्रोफेसर कालेसतुस टोप्पो सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

पलोटी सेवा आश्रम के सुखलाल कुजूर, सुमन तिर्की, स्टीफन मिंज, सुशील कुजूर, अमरोज लकड़ा और अन्य सदस्यों ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जोसेफ तिग्गा, सुशील कुजूर, और अमूल किष्कोटा ने निष्पक्ष रेफरी की भूमिका निभाई, जबकि अमरोज लकड़ा, फुलजेन्स लकड़ा, प्रदीप कुजूर, और राजेंद्र तिर्की ने कुशल लाइनमैन के रूप में अपनी सेवाएँ दीं।

इस सफल आयोजन के पीछे दयाराम टोप्पो और कुलवंत एक्का का विशेष योगदान रहा, जिन्होंने अपने अथक प्रयासों से इस टूर्नामेंट को यादगार बना दिया।
यह टूर्नामेंट न केवल खेल भावना को बढ़ावा देता है, बल्कि युवाओं में देशप्रेम और सामाजिक एकता की भावना को भी प्रज्वलित करता है। शहीद गुंडाधुर फुटबॉल कप ने स्थानीय प्रतिभाओं को मंच प्रदान करके उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी है। यह आयोजन निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में और भी बड़ा होगा, जो न केवल खेल को बढ़ावा देगा बल्कि समाज में एकता और सद्भाव का संदेश भी फैलाएगा।

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