रविवार, सितम्बर 8, 2024
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पता कीजिये कि मंजिल कहां है?

लोग कहते हैं कि हम अपने हरेक दिन की शुरुआत एक खूबसूरत तरीके से करें। लेकिन हमारा तरीका हमेशा खूबसूरत हो यह जरूरी नहीं है, गलत भी हो सकता है। हमारे दिन की शुरुआत बदसूरत, बेढंगा और भयानक भी हो सकता है। तो क्या करें ? एक सस्ता और सरल रास्ता है। यह कि हम अपने हर एक दिन का अंत एक सकारात्मक सोच के साथ करें।

कोई फर्क नहीं पड़ता कि चीजें कितनी कठिन थी? आने वाला कल उन चीजों को बेहतर बनाने का एक नया अवसर साबित होगा। यदि किसी एक अंडे को बाहर से तोड़ दिया जाता है तो समझिए जीवन को समाप्त कर दिया जाता है और अगर वह अंडा एक निर्धारित समय बाद अंदर से टूट जाए तो एक नईं जिंदगी का आरंभ हो जाता है।कहते हैं कि इसीलिए महान चीज़ें हमेशा भीतर से आरंभ होती हैं।

हमारी जिंदगी में सबसे बुरी बात यह है कि हमारे पास समय बहुत कम है लेकिन हमारी जिंदगी की सबसे अच्छी बात यह है कि हमारे पास अभी भी बहुत समय बचा है।

हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिए, जिंदगी भोर है सूरज सा निकलते रहिए। एक ही पांव पे ठहरोगे तो थक जाओगे, धीरे-धीरे ही सही राह पर चलते रहिए। आदमी की असली पहचान तब नहीं होती जब उसकी जिंदगी आराम, चैन और सुविधाओं में गुजर रही होती है बल्कि उसकी असली पहचान तो तब होती है जब वह चुनौतियों, समस्याओं, संकट और प्रतिवाद से गुजर रहा होता है। हमें यह जान लेना चाहिए कि हमारा असली मुकाबला केवल अपने आप से ही है। अगर हम आज अपने बीते हुए कल से खुद को बेहतर खड़े पाते हैं तो यह हमारी सबसे बड़ी जीत है। चलते समय हम हमेशा ख्याल रखें अच्छा चलने का। बोलते समय हम हमेशा ख्याल रखें अच्छा बोलने का और सुनते समय हम हमेशा ख्याल रखें अच्छा सुनने का।

हम जो भी करें, जो भी कार्य करें उसके पीछे हमारे होश को हमेशा खड़ा और कठोरता के साथ कायम रहना ही चाहिए। छोटे-छोटे कार्यों में भी। क्योंकि सवाल काम का नहीं है सवाल होश का है। वह होश, जितना बुद्ध के पास था। वह होश जितना अन्य महान लोगों के पास था। उतना ही हमारे पास भी है। रत्ती भर भी कम नहीं। उनमें और हम में। शर्त बस इतना ही है कि हम जाग जाएं। होश में आ जाएं। जब हमारा मन कमजोर होता है तो परिस्थितियां समस्या बन जाती हैं। जब हमारा मन स्थिर होता है तो परिस्थितियां चुनौतियां बन जाती हैं और जब हमारा मन मजबूत होता है तो परिस्थितियां एक शानदार अवसर में बदल जाती हैं।

सफल होने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि हम उन सलाहों पर तत्काल काम करना शुरू कर दें जो सलाह हम दूसरों को अक्सर निशुल्क दिया करते हैं। हम कभी ये न सोचें कि हम तो अकेले हैं और हम अकेले क्या कर सकते हैं? बल्कि यह सोचे कि हम अकेले ही काफी हैं और अकेले ही बहुत कुछ कर सकते हैं। रोना बंद करें और अपनी तकलीफों से स्वयं लड़ना सीखने की शुरुआत करें। हमको हमारे तकलीफों में कोई साथ देने वाला नहीं आएगा। क्योंकि साथ देने वाले हमारे अपने लोग भी शमशान से आगे कभी नहीं जाते।

जब कुदरत इंसान की परीक्षा लेती है तो वह उसका सामर्थ भी बढ़ा देती है ताकि वह और अधिक बुद्धिमान तथा अधिक ताकतवर बन सके। हमें अपने पीछे किसी भी दिन के लिए पछताना नहीं चाहिए क्योंकि अच्छे दिन हमें अगर खुशियां देते हैं तो बुरे दिन हमें अनुभव के साथ ही सबसे अच्छे दिन देते हैं, मिठास से भरी सुनहरी यादों के। एक गलती हमारे अनुभव को बढ़ा देती है और हमारा अनुभव, हमारी गलतियों को हमेशा कम कर देता है। जिंदगी में रास्ता दिखाने वाला हमारा सबसे अच्छा मित्र यदि कोई है, तो वह है हमारा अनुभव। हमारा दुख हमेशा पीछे की ओर देखना पसंद करता है। हमारी चिंता हमेशा इधर-उधर देखना चाहती है लेकिन हमारा विश्वास हमेशा आगे की ओर देखता है, आगे की ओर ही देखना पसंद करता है और हमें हमेशा आगे की ओर ही ले जाता है।

अगर रास्ता खूबसूरत है तो पता कीजिए कि वह किस मंजिल की ओर जाता है और यदि मंजिल खूबसूरत है तो रास्ते की परवाह क्यों करें? करना भी नहीं चाहिए।

रुकना नहीं परिंदे, तुझ में जान अभी बाकी है।मंजिल बहुत है दूर है, पर तेरी उड़ान अभी बाकी है। यूं ही नहीं मिलती कुदरत की मेहरबानी सबको, एक से बढ़कर एक तेरा इम्तिहान अभी बाकी है। जिंदगी की जंग में हौसला बहुत जरूरी है, तुझे जीतने के लिए तेरे पास आसमान अभी बाकी है।

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