रायपुर। दिल्ली में देश भर के किसान-मजदूर रामलीला मैदान में इकठ्ठा होकर किसान-मजदूर महापंचायत का आयोजन किया गया। इसमें संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियन्स का संयुक्त मंच के हजारों प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसके समर्थन में प्रदर्शन कर किसान मजदूरों ने केन्द्र सरकार के साम्प्रदायिक फासीवादी रुख और देश के सभी संसाधनों को कार्पोरेट को सौपने के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया।
छत्तीसगढ किसान महासभा और पेनड्रावन जलाशय बचाओ किसान संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने बंगोली मूरा रोड में प्रतिवाद करते हुए प्रदर्शन कर दिल्ली के किसान मजदूर महापंचायत के प्रति एकजुटता जाहिर किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के एक सौ चालीस करोड़ जनता को अपना परिवार बताने के बावजूद उनकी सरकार देश के किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए दुश्मनों जैसा बर्ताव करती है।सड़कों पर कीलें गाड़े जाते हैं। सड़क खोदकर खाई बनाए जाते हैं। अश्रु गैस के गोले दागे जाते हैं। पानी के तेज धार छोड़े जाते हैं। ड्रोन से रबर बुलेट दागे जाते हैं।
किसानों को कार से रौंदकर हत्या करनेवाले, महिला पहलवानों से छेड़-छाड़ करने वालों को मंत्री पद पर ना सिर्फ बैठाए रखते हैं बल्कि आने वाले लोकसभा के चुनाव में बड़ी बेशर्मी से उन्हें अपना उम्मीदवार बनाते हैं। अब जब लोकसभा चुनाव की घोषणा होने वाली है तब सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) लागू करने की अधिसूचना जारी की जा रही है। यह नागरिकों को धर्म के आधार पर बांटने वाला कानून है; इसमें मुसलामानों के नागरिकता छीनने तथा गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने की बात कही जा रही है। दिल्ली में नमाज़ीयों पर पुलिस द्वारा लात मारने, अपमानित करने की शर्मनाक घटना को अंजाम दिया जा रहा है। ये घटनायें नागरिकों के बीच नफरत एवं हिंसा फैलाने वाली हैं । ऐसी घटनाओं पर सरकार साजिश पूर्वक चुप्पी साधे रहती है। किसान महासभा और किसान संघर्ष समिति ने ऐसी स्थितियों को शर्मनाक बताते हुए तीव्र रोष जताया है और आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने की अपील मतदाताओं से की है। आगे गाँव-गाँव, घर-घर जाकर भाजपा के साम्प्रदायिक धीवर, पूर्णिमा वर्मा, बुधियारिन निषाद, कोदईया यादव, भुवनेश्वरी वर्मा, पेनड्रवन जलाशय बचाओ किसान संघर्ष समिति के सचिव घनश्याम वर्मा, राजकुमार भोजवानि, बरौडा के सरपंच प्रदीप मढ़रिया मुख्य रूप से मौजूद रहे हैं।
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