धर्म के नाम पर बना देश आज क्यों डूब रहा है? पाकिस्तान की कहानी और भारत के लिए चेतावनी
एक सपने से शुरुआत, आज विफलता की कहानी
1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान एक “इस्लामिक स्वर्ग” के रूप में अस्तित्व में आया। लेकिन आज, 76 साल बाद, यह देश आर्थिक संकट, सामाजिक विभाजन और राजनीतिक अराजकता में डूबा हुआ है। यह सवाल हर किसी को परेशान कर रहा है: “क्या धर्म के नाम पर बने राष्ट्र का यही अंत होता है?”
धर्म की कीमत चुकाता पाकिस्तान
पाकिस्तान ने धर्म को राष्ट्र की बुनियाद बनाया, लेकिन इसकी कीमत उसके नागरिकों ने चुकाई:
1. अल्पसंख्यकों पर अत्याचार:
– हिंदू, सिख, ईसाई और अहमदिया समुदायों के लिए जीवन दूभर।
– 2023 की रिपोर्ट: 1,000 से अधिक अल्पसंख्यक परिवारों ने पाकिस्तान छोड़ा।
– मानवीय त्रासदी: कराची की एक हिंदू महिला की कहानी, जिसके बेटे को जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया।
2. कट्टरता का जहर:
– मदरसों में आधुनिक शिक्षा का अभाव, बच्चों को सिर्फ धार्मिक कट्टरता पढ़ाई जाती है।
– पेशावर के एक स्कूल टीचर ने बताया: “हमें विज्ञान पढ़ाने पर धमकियां मिलती हैं।”
3. लोकतंत्र की हार:
– सेना और मौलवियों का गठजोड़। 76 साल में 30 साल सैन्य शासन।
– 2023 में इमरान खान की गिरफ्तारी ने लोकतंत्र पर फिर प्रश्नचिह्न लगाए।
शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार – तीनों मोर्चों पर विफलता
क्यों पाकिस्तान युवाओं का देश नहीं, “निराशाओं का देश” बन गया?
– शिक्षा:
– साक्षरता दर महज “58%” (भारत: 77%)।
– लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध: बलोचिस्तान के 70% गांवों में कोई गर्ल्स स्कूल नहीं।
– स्वास्थ्य:
– 10,000 लोगों पर सिर्फ “1 डॉक्टर” (WHO मानक: 1 प्रति 1,000)।
– हृदयविदारक दृश्य: लाहौर के एक सरकारी अस्पताल में 3 मरीज एक बिस्तर पर।
– रोजगार:
– युवा बेरोजगारी दर 40%।
– निराश युवा: कराची के 22 वर्षीय इंजीनियरिंग ग्रेजुएट आफताब का बयान: “मैं ईंटों के भट्ठे पर काम करने को मजबूर हूं।”
विज्ञान और तकनीक में पिछड़ापन – एक राष्ट्र की आत्महत्या
– दुनिया के टॉप 500 यूनिवर्सिटीज में पाकिस्तान का एक भी संस्थान नहीं।
– इंटरनेट सेंसरशिप: कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध।
– विडंबना: पाकिस्तानी वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कादिर खान ने परमाणु तकनीक दी, लेकिन आज देश में शोध के लिए बजट शून्य।
क्या पाकिस्तान से सीख सकता है भारत?
पाकिस्तान की त्रासदी से भारत के लिए 4 बड़े सबक:
1. धर्म और राज्य का अलगाव:
– संविधान की प्रस्तावना में “सेक्युलर” शब्द भारत की ताकत है। इसे बचाए रखें।
2. युवाओं को आधुनिक शिक्षा:
– NEP 2020 पर अमल जरूरी, ताकि विज्ञान और तर्क की पीढ़ी तैयार हो।
3. अल्पसंख्यकों को सुरक्षा:
– उत्तर प्रदेश के एक गांव में मस्जिद और मंदिर साथ-साथ – यही भारत की पहचान हो।
4. लोकतंत्र को मजबूत करें:
– सेना या धर्मगुरुओं को नहीं, जनता को सत्ता पर अधिकार दें।
पाकिस्तान की आग से सीखे, भारत!
पाकिस्तान का पतन एक चेतावनी है – धर्म के नाम पर बंटवारे, अल्पसंख्यकों के दमन और शिक्षा के अभाव में कोई देश टिक नहीं सकता। भारत को अपनी विविधता, लोकतंत्र और युवा शक्ति पर गर्व है, लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है।
याद रखें: राष्ट्र तभी तरक्की करता है, जब उसकी नीव में “धर्म” नहीं, “मानवता” होती है।
(यह लेख मानवीय संदर्भों पर आधारित है। पाकिस्तान के नागरिकों के प्रति संवेदना और भारत के भविष्य के प्रति आशा के साथ प्रस्तुत।)
– दिलेश उईके
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