पटना (पब्लिक फोरम)। बिहार और झारखंड एक दूसरे से अलग नहीं हो सकते। झारखंड के पास कच्चा माल है, तो बिहार के पास 13 करोड़ की आबादी और जमीन इसलिए दोनों राज्यों में करार होना चाहिए। बिहार में फैक्ट्रियां लगें और झारखंड कच्चे माल की आपूर्ति करे। इसके अलावा बिहार में सबसे ज्यादा सूर्य की रोशनी है। इसका उपयोग होना चाहिए। फ्रेट कारिडोर की भी जरूरत है।
शुक्रवार को प्रसिद्ध उद्योगपति एवं वेदांता रिसोर्सेज के संस्थापक और अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआइए) में डाक्टर राजेंद्र प्रसाद व्याख्यानमाला में बोल रहे थे। बिहार के विकास पर ये बातें कहीं।
दिखाई विकास की राह, अपनी भूमिका भी बताई। अनिल अग्रवाल ने कहा कि बिहार के पास श्रम शक्ति, उपभोक्ता, उर्वरक भूमि है। झारखंड के पास कच्चा माल है। दोनों राज्य एक मंच पर आएं। सूर्य की रोशनी बिहार के पास सबसे ज्यादा है। इसके उपयोग से बिहार आगे बढ़ेगा। फ्रेट कारिडोर की भी जरूरत है।
बेरोजगारी मिटाने के लिए युवाओं को सस्ता लैपटाप देना होगा। वे उत्पादों को पहचानने और बेचने का तरीका सीख जाएंगे। उन्होंने ग्लास और सेमी कंडक्टर के क्षेत्र में आने की सलाह देते हुए कहा, योजना बनाएं, बिहार भी दूसरा गुजरात बन जाएगा। मैं भी साथ हूं, बिहार के लिए कुछ नहीं करूंगा तो मोक्ष नहीं मिलेगा।
उन्होंने दक्षिण के बाद भोजपुरी फिल्मों का भविष्य भी उज्ज्वल बताया। डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने में चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के निदेशक डाक्टर राणा सिंह को सहयोग का भी आश्वासन दिया। बीआइए के प्रस्तावों पर कहा कि पेपर वर्क में समय लगता है, सीधे काम कीजिए, मैं साथ हूं। इसी क्रम में उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात की।
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