भोपाल (पब्लिक फोरम)। सेवा निवृत्त कर्मचारी 1995 राष्ट्रीय समन्वय समिति के प्रतिनिधि मण्डल ने आज पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह से भेंट की। प्रतिनिधि मण्डल ने उन्हें समिति के तत्वाधान में आगामी 12 दिसम्बर 2023 को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर होने वाले प्रदर्शन का समर्थन करने हेतु आमंत्रित किया। उल्लेखनीय है कि श्री दिग्विजय सिंह ने विगत दिनों राज्यसभा में ई.पी.एफ. के पेंशनभोगियों की मांगों को प्रभावशाली ढंग से उठाया था। पहली बार सरकार ने किसी सांसद को एक्शन-टेकन रिपोर्ट उपलब्ध करायी थी।
ई.पी.एफ. के 75 लाख 59 हजार पेंशनभोगी देश में है। वर्तमान में नौकरी कर रहे कर्मचारियों की संख्या 6 करोड़ है। इनको अधिकतम पेंशन रूपये 3 हजार प्रतिमाह प्राप्त हो रही है। ई. पी.एफ.ओ. की वार्षिक रिपोर्ट में 1 हजार से कम पेंशन पाने वालों की संख्या लगभग 36 लाख है। तत्कालीन राज्यसभा सांसद प्रकाश जावड़ेकर ने 2012 में संसद में याचिका दायर कर कर्मचारी पेंशन योजना 1995 में संशोधन की मांग की थी। संसद द्वारा भगत सिंह कोशियारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था जिसमें 10 सांसद सम्मिलित थे। इस समिति में सन 2013 में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। समिति ने न्यूनतम पेंशन रूपये 3000 एवं उसपर प्रचलित दर से महंगाई भत्ता देने की अनुशंसा की गयी थी। इस रिपोर्ट पर विगत 10 वर्षों में अमल नहीं किया गया।
समिति पिछले 10 वर्ष से नई दिल्ली में धरना प्रदर्शन कर रही है। आगामी 12 दिसम्बर को प्रातः 10 बजे से धरना प्रदर्शन आयोजित किया जावेगा। आज के प्रतिनिधि मण्डल में चन्द्रशेखर परसाई, अनिल बाजपेई, महेश मालवीय, जे.पी.गौड़, पी.के. परिहार, अशोक शर्मा, बी.डी. गौतम, प्रमोद हजारे सम्मिलित थे।
ईपीएफ के नेताओं ने राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह से की मुलाकात: 12 दिसंबर 2023 को जंतर-मंतर पर होने वाले प्रदर्शन के लिए दिया निमंत्रण
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