कोरबा (पब्लिक फोरम)। महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) श्रीमती रेणु प्रकाश ने अपने ऊपर लगे 50 हजार रुपए कमीशन मांगने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने इन आरोपों को निराधार और उन्हें बदनाम करने की नीयत से की गई शिकायत बताया है।यह मामला तब सामने आया जब कोरबा ग्रामीण की परियोजना अधिकारी श्रीमती ममता तुली ने DPO पर उनका लंबित प्रकरण निपटाने के एवज में 50 हजार रुपए मांगने का आरोप लगाया था।
DPO रेणु प्रकाश ने एक बयान जारी कर बताया कि श्रीमती ममता तुली द्वारा वर्ष 2022-23 के अपने लंबित अवकाश प्रकरण को स्वीकृत कराने के लिए उन पर अनुचित दबाव बनाया जा रहा था। जांच करने पर यह पाया गया कि श्रीमती तुली ने अपनी सर्विस बुक, जिसे नियमानुसार जिला कार्यालय में होना चाहिए, बिना किसी सूचना के अपने पास रखी हुई थी।
श्रीमती प्रकाश ने आगे खुलासा किया कि श्रीमती तुली ने अवकाश स्वीकृत हुए बिना ही अपनी सर्विस बुक में सहायक ग्रेड-01 आलोक पाण्डेय के माध्यम से प्रविष्टि कराकर उनके समक्ष प्रस्तुत किया। जब अवकाश स्वीकृति की फाइल का अवलोकन किया गया, तो उसमें कोई भी संबंधित दस्तावेज नहीं मिले और पाया गया कि प्रविष्टि बिना उनकी जानकारी के की गई थी। श्रीमती तुली द्वारा प्रस्तुत किया गया पत्र भी अहस्ताक्षरित था।
इस अनियमितता के चलते विभाग द्वारा श्रीमती ममता तुली को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। DPO के अनुसार, जब प्रस्तुत जवाब तथ्यात्मक नहीं पाया गया तो दोबारा नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया, लेकिन परियोजना अधिकारी ने कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया, जिसके बाद उन्हें चेतावनी पत्र भेजा गया।
DPO ने बताया कि 8 अक्टूबर 2025 को विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान, जब उन्होंने कोरबा ग्रामीण परियोजना के कार्यों की समीक्षा करते हुए श्रीमती तुली को कार्य के प्रति जागरूक रहने की हिदायत दी, तो उन पर अवकाश स्वीकृत करने का दबाव बनाया गया। श्रीमती प्रकाश के अनुसार, श्रीमती तुली ने उन्हें धमकी दी कि यदि उनका अवकाश स्वीकृत नहीं किया गया तो वे उनके विरुद्ध शिकायत करेंगी।
DPO रेणु प्रकाश ने स्पष्ट किया कि 9 अक्टूबर को उन्हें मीडिया के माध्यम से पता चला कि उनके और लिपिक शिव शर्मा के खिलाफ कमीशन मांगने की शिकायत की जा रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि समीक्षा बैठक में न तो उनके द्वारा और न ही लिपिक द्वारा श्रीमती ममता तुली को किसी भी प्रकार से प्रताड़ित किया गया और न ही किसी कमीशन की मांग की गई। उन्होंने कहा, “उनके द्वारा की गई शिकायत निराधार एवं मुझे बदनाम करने की नीयत से किया जा रहा है।”





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