रायगढ़ (पब्लिक फोरम)। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग तथा राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ के आदेश अनुसार रायगढ़ के पीएम श्री नटवर स्कूल में जिला स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल के निर्देशन और सीईओ जिला पंचायत श्री जितेंद्र यादव के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुई। इस आयोजन में जिले के सभी पीएम श्री स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया, जो अपने-अपने विद्यालय स्तर पर चयनित हुए थे।
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. के. वी. राव, डीएमसी नरेंद्र चौधरी, एपीसी भुवनेश्वर पटेल, और स्कूलों के प्राचार्य, शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति ने आयोजन को गरिमा प्रदान की।
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प्रतियोगिताओं का उद्देश्य और स्वरूप
जिला सहायक नोडल अधिकारी पीएम श्री स्कूल आलोक स्वर्णकार ने बताया कि इस प्रतियोगिता में छात्रों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चार प्रमुख विधाओं में प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
इन विधाओं में विद्या वैभव (ओलंपियाड) शामिल था, जिसमें क्विज, वाद-विवाद, रचनात्मक कला और खेलकूद जैसी गतिविधियां सम्मिलित थीं। इन प्रतियोगिताओं का उद्देश्य बच्चों में प्रतिभा का विकास करना, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना और रचनात्मकता व नवाचार को बढ़ावा देना था।
मंथन मंडल (डिबेट क्लब) के अंतर्गत “विकसित भारत” और “एक राष्ट्र, एक चुनाव” जैसे ज्वलंत विषयों पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस गतिविधि का मकसद छात्रों में नेतृत्व क्षमता और टीम वर्क की भावना को प्रोत्साहित करना था, जिससे वे सामाजिक मुद्दों पर गहन विचार कर सकें।
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डिजिटल क्वेस्ट के माध्यम से छात्रों ने पर्यावरण और खेल जैसे सामाजिक मुद्दों की पहचान की, और शिक्षकों की मदद से डिजिटल उपकरणों का उपयोग करके सोशल मीडिया अभियान चलाए। इस प्रक्रिया ने बच्चों में डिजिटल साक्षरता के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना का विकास किया।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से बच्चों को स्थानीय स्थलों की खोज और उनके महत्व को जानने का अवसर प्रदान किया गया। इस पहल से छात्रों में समुदाय और अपनेपन की भावना को बल मिला।
प्रतिभा का आकलन और चयन
प्रतियोगिता में शामिल सभी छात्रों की प्रतिभा को परखने के लिए निर्णायक मंडल की एक टीम गठित की गई। इन निर्णायकों ने राज्य स्तर पर जाने वाले प्रतिभागियों का चयन किया, जो निर्धारित मापदंडों के आधार पर किया गया।
इस तरह की प्रतियोगिताएं न केवल छात्रों की रचनात्मकता और नेतृत्व क्षमता को निखारने में मदद करती हैं, बल्कि उन्हें एक स्वस्थ और प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण में विकास करने का अवसर भी देती हैं। छात्रों की भागीदारी और उत्साह ने यह साबित किया कि आने वाले समय में ये बच्चे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए तैयार हैं।
इस जिला स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन न केवल छात्रों के लिए एक मंच बना, जहां उन्होंने अपनी प्रतिभा और कौशल का प्रदर्शन किया, बल्कि यह आयोजन शिक्षकों और शिक्षा अधिकारियों के सहयोग से एक नई पीढ़ी को उभरने और सशक्त बनाने का प्रतीक भी बना।
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