कोरबा (पब्लिक फोरम)। बालको नगर स्थित शांति नगर के निवासी इन दिनों एक गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। इलाके के एक भूखंड – खसरा नंबर 319/7, 319/31, 319/4, 319/30 एवं 319/19 – पर बिना किसी कानूनी अनुमति के अवैध रूप से बाउंड्रीवाल (परिसर-दीवार) का निर्माण किया जा रहा है। स्थानीय निवासी पी. तुलसी ने इस मुद्दे को लेकर जिला कलेक्टर को शिकायत पत्र सौंपा है और तत्काल जांच व कार्रवाई की मांग की है।
शिकायतकर्ता पी. तुलसी के अनुसार, बिल्डर दीपक लाम्बा द्वारा उक्त भूमि पर बिना भूमि स्वामियों की अनुमति और बिना किसी वैध दस्तावेज के बाउंड्रीवाल निर्माण कार्य किया जा रहा है। यह कार्य न केवल कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है, बल्कि इससे शांति नगर के स्थानीय निवासियों की ज़िंदगी पर भी सीधा असर पड़ रहा है।
जल निकासी और प्रदूषण की समस्या बढ़ी
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि अवैध निर्माण के चलते क्षेत्र की प्राकृतिक जल निकासी बाधित हो गई है। यदि इस पर शीघ्र रोक नहीं लगी तो आगामी बरसात में भारी जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे लोगों के घरों और सड़कों में पानी भरने का खतरा बढ़ जाएगा।
इतना ही नहीं, BALCO के कूलिंग टावर से होने वाला वायु और ध्वनि प्रदूषण पहले से ही रहवासियों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। ऐसे में इस तरह का गैरकानूनी निर्माण स्थानीय लोगों के जीवन को और अधिक प्रभावित कर रहा है।

प्रशासन से की गई मांग
पी. तुलसी ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि:-
– मामले की तत्काल जांच की जाए।
– अवैध निर्माण कार्य को तत्काल रोका जाए।
– संबंधित बिल्डर पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए,
और प्रभावित भूमि मालिकों को न्याय दिलाया जाए।
शिकायत के साथ पीड़ित पक्ष ने संबंधित दस्तावेज एवं भूमि मालिकों की सूची भी संलग्न की है। वे प्रशासन को सभी प्रकार की जानकारी और सहयोग देने के लिए तत्पर हैं।
क्या कहता है कानून?
किसी भी निजी भूमि पर निर्माण कार्य के लिए भूमि स्वामी की सहमति, वैध पट्टा/लीज और स्थानीय निकाय की अनुमति आवश्यक होती है। यदि बिना इन आवश्यकताओं के निर्माण किया जाता है, तो वह गैरकानूनी घोषित हो सकता है और संबंधित धाराओं के तहत आरोपी पर जुर्माना या दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है।
शांति नगर में अवैध निर्माण का यह मामला न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि क्षेत्रीय नागरिकों के मूलभूत अधिकारों पर भी आघात है। ऐसे मामलों में समय रहते प्रशासन की निष्पक्ष और कठोर कार्रवाई न केवल न्याय सुनिश्चित करती है, बल्कि अवैध निर्माण प्रवृत्तियों पर भी लगाम लगाती है।
अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस संवेदनशील शिकायत पर कितनी शीघ्र और प्रभावी प्रतिक्रिया देता है।
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