कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जिले में खनन, बिजली, रेल और सड़क परियोजनाओं के लिए वर्षों से चल रहे भू-अर्जन और विस्थापन की समस्याओं के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण संवाद सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह सम्मेलन दीपका स्थित अशोका लॉज के सभागृह में आयोजित किया गया, जहां जनप्रतिनिधियों और विधिक विशेषज्ञों ने भूविस्थापित किसानों के साथ खड़े होने का वादा किया।
इस आयोजन में कटघोरा के विधायक प्रेमचंद पटेल, सांसद ज्योत्स्ना महंत के प्रतिनिधि हरीश परसाई, क्षेत्र के जनपद सदस्य, खनन प्रभावित इलाकों के सरपंच, हाईकोर्ट के अधिवक्ता शुशोभित सिंह, समाजसेवी लक्ष्मी चौहान, भाजपा, कांग्रेस, गोंडवाना पार्टी के पदाधिकारी और अन्य प्रमुख नागरिक उपस्थित रहे।
भूविस्थापितों की प्रमुख मांगें
कार्यक्रम की शुरुआत में ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने जिला पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन समिति के समक्ष 10 बिंदुओं का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव में भूविस्थापितों और किसानों को उचित मुआवजा और बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने की मांग की गई। उपस्थित लोगों ने इस पर सहमति जताई और कुछ सुझाव भी दिए गए।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के अधिवक्ता शुशोभित सिंह और सार्थक एनजीओ की लक्ष्मी चौहान ने कोल बेयरिंग एक्ट और अन्य भू-अर्जन व पुनर्वास नीतियों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार 2013 का भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास कानून भूविस्थापितों के लिए प्रभावी साबित हो सकता है। विधिक लड़ाई के जरिए उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के माध्यम से इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
राजनीतिक समर्थन का आश्वासन
कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल ने कहा, “भूविस्थापितों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। उनके अधिकारों की लड़ाई में मैं हमेशा उनके साथ खड़ा रहूंगा।” सांसद प्रतिनिधि हरीश परसाई ने भी बताया कि श्रीमती ज्योत्स्ना महंत ने लोकसभा और कोयला एवं इस्पात संसदीय समिति में भूविस्थापितों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया है। उन्होंने पुनर्वास नीतियों में सुधार की मांग की है और भूविस्थापितों के सार्वभौमिक विकास के लिए हर आंदोलन में साथ देने का भरोसा दिया।
प्रस्ताव पारित और आगे की योजना
सम्मेलन के अंत में ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। तय किया गया कि जिला पुनर्वास समिति की बैठक से पूर्व प्रभारी मंत्री और जिला पुनर्वास समिति के अध्यक्ष अरुण साव, उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन और जिला कलेक्टर को उचित कार्यवाही के लिए ज्ञापन सौंपा जाएगा। यदि समय पर उचित कार्रवाई नहीं होती है, तो जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
सम्मेलन का सफल आयोजन
इस आयोजन को सफल बनाने में समिति के विजयपाल सिंह, बसंत कंवर, अनुसुइया राठौर, संतोष चौहान, रुद्र दास, ललित महिलांगे, कुलदीप राठौर और राजेश यादव का विशेष योगदान रहा।
सम्मेलन में मनोज शर्मा, नरेश टंडन, रघुराज सिंह, हरीश धधवानी, कमला बाई कंवर, गणेश उइके, केशव नारायण जायसवाल, रविंद्र जगत, युवराज सिंह, ब्रिज कंवर, धन कंवर, जगदीश पटेल, संतोष दास, सोनू चौहान, संदीप कंवर, दिलहरन सारथी, तुलसी बाई, संपत सिंह कंवर, दीपक कुमार, गोपाल बिंझवार, पुरषोत्तम पटेल, भगवती साहू और चंदन सिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इस सम्मेलन में एसईसीएल, एनटीपीसी, सीएसईबी और रेल कॉरिडोर से प्रभावित सैकड़ों प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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