गुरूवार, जनवरी 30, 2025
होमआसपास-प्रदेशदीपका नगर पालिका चुनाव: मूंगफली विक्रेता बना अध्यक्ष पद का प्रत्याशी, पत्नी...

दीपका नगर पालिका चुनाव: मूंगफली विक्रेता बना अध्यक्ष पद का प्रत्याशी, पत्नी भी चुनाव मैदान में

आम आदमी पार्टी ने आम जनता पर जताया भरोसा, चुनावी मुकाबला हुआ रोचक

कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जिले में नगरीय निकाय चुनाव का माहौल गरमाता जा रहा है। नामांकन दाखिल होने के बाद प्रत्याशियों की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है। 31 जनवरी को नाम वापसी के बाद यह पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन मैदान में रहेगा और कौन पीछे हटेगा।

इस बार का चुनावी मुकाबला खासतौर पर दीपका नगर पालिका परिषद में बेहद दिलचस्प होने जा रहा है। जहां कांग्रेस और भाजपा धनबल और बाहुबल के सहारे चुनाव लड़ रही हैं, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक मूंगफली विक्रेता को अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी बनाकर मुकाबले को नया मोड़ दे दिया है।

कौन हैं दीपका के “मूंगफली वाले” अध्यक्ष पद के प्रत्याशी?

दीपका में करीब 24 वर्षों से मूंगफली बेचने वाले धर्मदास गुप्ता (गांधी भाई) को आम आदमी पार्टी ने नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी बनाया है। गुप्ता का नामांकन इस बार की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि यह पहली बार हुआ है कि एक राष्ट्रीय दल ने गरीब और संघर्षशील व्यक्ति को टिकट देकर मुख्यधारा की राजनीति में शामिल किया है।

धर्मदास गुप्ता दीपका में जनता के बीच अपनी अलग पहचान रखते हैं। वे स्थानीय मुद्दों पर संघर्ष करते रहे हैं और आम जनता के हक की आवाज उठाते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आम आदमी पार्टी का यह दांव कांग्रेस और भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

पत्नी को भी मिला पार्षद पद का टिकट

सिर्फ धर्मदास गुप्ता ही नहीं, बल्कि उनकी पत्नी श्रीमती स्वाति गुप्ता भी इस चुनाव में पार्षद पद के लिए मैदान में उतरी हैं। उन्हें वार्ड नंबर 07 (कृष्णा नगर) से पार्षद प्रत्याशी बनाया गया है। स्वाति गुप्ता भी 12वीं तक शिक्षित हैं और सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाती रही हैं।

दीपका के मतदाताओं के बीच इस बार आम आदमी पार्टी की रणनीति को लेकर चर्चा तेज है। कई लोग इसे नई राजनीति की शुरुआत मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे कांग्रेस-भाजपा के खिलाफ आम जनता के गुस्से का परिणाम मान रहे हैं।

धर्मदास गुप्ता का कहना है,
“पिछले 5 सालों में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही नगर पालिका पर काबिज रही हैं, लेकिन जनता को सिर्फ भ्रष्टाचार और विकास के झूठे वादे ही मिले। अब समय आ गया है कि दीपका की जनता जागरूक होकर एक नया विकल्प चुने।”

अब बड़ा सवाल यह है कि क्या दीपका की जनता पारंपरिक राजनीति से हटकर इस बार आम आदमी पार्टी के संघर्षशील प्रत्याशी को समर्थन देगी? या फिर एक बार फिर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर होगी?
यह चुनाव दीपका की जनता के लिए न सिर्फ बदलाव का अवसर है, बल्कि यह भी तय करेगा कि राजनीति में आम आदमी को कितनी अहमियत दी जाती है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments