बिलासपुर (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया जब मीडिया सम्मान परिवार ने वेब पोर्टल पत्रकारों के लिए एक विशेष परिचय सम्मेलन और प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। 25 फरवरी 2025 को आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए डिजिटल पत्रकारों ने न सिर्फ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, बल्कि अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए एकजुट होकर आवाज उठाई।
डिजिटल पत्रकारिता की चुनौतियां और संघर्ष
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पहचाने जाने वाले मीडिया जगत में अब डिजिटल माध्यम भी सूचना के प्रसार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। हालांकि, वेब पोर्टल पत्रकारों को अभी तक वह सम्मान और मान्यता नहीं मिली है, जिसके वे हकदार हैं। कार्यक्रम में इस विषय पर गहन चर्चा हुई कि कैसे डिजिटल पत्रकार आज भी कई बुनियादी अधिकारों से वंचित हैं।
“जहां पारंपरिक प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को सरकारी विज्ञापनों से लाखों रुपये की सहायता मिलती है, वहीं हम वेब पत्रकार इन सुविधाओं से महरूम हैं,” एक वरिष्ठ वेब पोर्टल पत्रकार ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा।

मुख्य मुद्दे जिन पर हुई चर्चा
कार्यशाला में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई:
– वेब पोर्टल के रजिस्ट्रेशन की जटिल प्रक्रिया
– गुमास्ता लाइसेंस प्राप्त करने में आने वाली बाधाएं
– जिला जनसंपर्क कार्यालयों में पंजीकरण न होने के कारण सरकारी सुविधाओं से वंचित रहना
– आर्थिक सहायता और विज्ञापनों का अभाव
– पत्रकारिता संविधान में वेब पत्रकारों के अधिकारों का स्पष्ट उल्लेख न होना
एकजुटता का संकल्प
कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण क्षण तब आया जब सभी उपस्थित पत्रकारों ने पत्रकारिता संविधान पर संयुक्त रूप से हस्ताक्षर कर अपनी एकजुटता दिखाई। इस पहल से वेब पोर्टल पत्रकारों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ और उन्होंने अपने अधिकारों के लिए मिलकर लड़ने का संकल्प लिया।
“यह केवल एक शुरुआत है। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक डिजिटल पत्रकारों को वह सम्मान और अधिकार नहीं मिल जाते, जिनके वे हकदार हैं,” मीडिया सम्मान परिवार के एक प्रतिनिधि ने दृढ़ता से कहा।
सम्मान और भविष्य की रणनीति
कार्यक्रम के समापन पर छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए सभी वेब पत्रकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके निरंतर प्रयासों और डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में योगदान का प्रतीक था।
उपस्थित पत्रकारों ने इस आयोजन को पत्रकारिता जगत के लिए एक मील का पत्थर बताया और भविष्य में ऐसे और कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही, सरकार से वेब पोर्टल पत्रकारों की मान्यता और अधिकारों के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की गई।
इस कार्यक्रम ने छत्तीसगढ़ के डिजिटल मीडिया परिदृश्य में एक नई उम्मीद जगाई है और वेब पत्रकारों के लिए अधिकारों की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। अब देखना यह है कि सरकार इन मांगों पर कितनी गंभीरता से विचार करती है और डिजिटल पत्रकारिता को मजबूत करने के लिए क्या कदम उठाती है।
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