कोरबा (पब्लिक फोरम)। ग्राम चारपारा के भू-विस्थापितों के द्वारा एनटीपीसी के झूठे आश्वासन से निराश होकर 16 सितंबर को राजस्व मंत्री के पास पहुचे। मंत्री ने आवेदन पर लिखित में एनटीपीसी मुख्य महाप्रबंधक को नौकरी मुआवजा के लिए आदेश किया और आई टी आई तामशेन चौक पहुंच कर भू-विस्थापितों को समर्थन भी किया व एसडीएम कटघोरा कोरबा को अविलंब नौकरी मुआवजा के लिए आदेशित किया।
ग्राम चारपारा कोहडिया के भू-विस्थापितों द्वारा क्रमिक रूप 22/04/2023 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर 93 दिनों तक निराकरण नहीं होने पर 09 भू-विस्थापित राजन कुमार पटेल, गणेश कुमार केंवट, घसियाराम केंवट, सुरज कुमार केंवट, रामायण प्रसाद केंवट, मथुरा राम केंवट, दयालिक विश्वकर्मा, शुभम् केंवट,कैलाश पटेल दिन दयाल भारिया के द्वारा 24/07/2023 को एनटीपीसी के गेट पर प्रदर्शन किया गया जिसमें दर्री तहसीलदार के द्वारा आश्वासन दिया गया था, जिसमें भी गुमराह किया गया है, इस आश्वासन पर भी गुमराह करने से अपने जीवन-यापन व भरण-पोषण के लिए अधिग्रहीत भूमि को जिसका मुआवजा नहीं हुआ है।
उस भूमि को पुनः काबिज करने के लिए दिनांक 05/08/2023 को इस पर भी दर्री तहसीलदार के द्वारा आश्वासन दिया गया। जिसमें दर्री तहसीलदार के द्वारा कहा गया कि कलेक्टर स्तर पर बैठक कराकर आप लोगों की नौकरी, मुआवजा की मांग को पूरा करेंगे जो कि मौखिक रूप से बोला गया। जिसमें दिनांक 19/08/2023 को अनुविभागीय अधिकारी कटघोरा के समक्ष में बैठक कराई गई। जिस पर भी मौखिक रूप से आश्वासन दिया गया और व दिनांक 11, 09, 2023 व 19, 09, 2023 को आश्वासन दिया गया था और जमीन अधिग्रहण सन् 1978-79 व 1980-86 तक किया था, जिसमें जमीन अधिग्रहण के एवज में एनटीपीसी के द्वारा आम सूचना दिनांक 04/09/1979, 22/01/1981 में जारी किया गया था और हमारे पूर्वजों के अनपढ़ होने का निश्चित तौर से भू-विस्थापितों का शोषण किया गया। एमएमग्राम चारपारा व कपाटमुड़ा के पीड़ित भू-विस्थापित अपने अधिकार से एनटीपीसी के गुलामी की जीवन जी रहे हैं, भू-विस्थापितों को जिला प्रशासन व छ.ग.शासन स्वतंत्र कब करायेगा । जब तक हमारी नौकरी की मांग पूरी नहीं होती है तब तक उग्र आंदोलन जारी रहेगी।
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