मेधावी छात्राओं को किया सम्मानित, कलेक्टर ने बच्चों के सर्वांगीण विकास पर दिया जोर
कोरबा (पब्लिक फोरम)। देश की शिक्षा को उच्च स्तर पर पहुँचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति लागू की है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का भी यही उद्देश्य है कि प्रदेश के बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त करें और अच्छे नागरिक बनें। इसी क्रम में कोरबा जिले के सभी 248 संकुल स्तर पर मेगा पालक-शिक्षक बैठक आयोजित की गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा है, और यह लक्ष्य तभी प्राप्त होगा जब शिक्षा का स्तर सुधरेगा। ये बातें वाणिज्य, उद्योग, व्यापार एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने मंगलवार को शासकीय कन्या शाला में आयोजित संकुल स्तरीय मेगा पालक-शिक्षक बैठक में कही।

मंत्री देवांगन ने कहा कि हर बच्चा आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर या इंजीनियर बनने का सपना देखता है। अगर वह ईमानदारी से मेहनत करता है और अच्छी शिक्षा प्राप्त करता है, तो वह अपनी मंजिल अवश्य पाता है। उन्होंने कहा कि स्कूल की शिक्षा के साथ ही पालकों को भी अपने बच्चों को घर पर पढ़ाना चाहिए और उन्हें अधिक समय देना चाहिए। बच्चा जितना शिक्षित होगा, देश उतना ही आगे बढ़ेगा। प्राइवेट स्कूलों में फीस महंगी होने के कारण सभी बच्चों का वहाँ पढ़ना संभव नहीं होता, इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार ने मानक स्तर की अच्छी स्कूलों की व्यवस्था की है।

भारत और छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सतत प्रयासरत हैं। स्कूलों में छात्रों को छात्रवृत्ति, पुस्तकें, गणवेश, कम्प्युटर शिक्षा आदि सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जिससे पिछड़े परिवारों के बच्चे भी आईएएस बन सकते हैं। इन सुविधाओं का लाभ लेने के लिए पालक और शिक्षक अन्य लोगों को भी प्रेरित करें। मंत्री देवांगन ने एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत विद्यालय परिसर में पौधरोपण किया और सभी को पौधरोपण के लिए प्रेरित किया।

कलेक्टर अजीत वसंत ने कहा कि इस मेगा पालक-शिक्षक बैठक का उद्देश्य बच्चों की पढ़ाई और उनके सर्वांगीण विकास में पालकों की सक्रिय भागीदारी को सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि बच्चों को पालकों से अच्छा मार्गदर्शन मिलना चाहिए। इसके लिए पालकों को बच्चों की शिक्षा के लिए अधिक समय देना होगा। आज की तेजी से बदलती दुनिया में स्मार्ट फोन और स्मार्ट टीवी का प्रचलन बढ़ गया है, इसलिए पालकों को बच्चों को इन तकनीकों का सही उपयोग सिखाना चाहिए।
कार्यक्रम में पालक माधवलाल साहू ने सुझाव देते हुए कहा कि माता-पिता बच्चों के लिए कम समय निकाल पाते हैं। शिक्षा बच्चों के लिए मानसिक बोझ बन गई है, इसमें सुधार की आवश्यकता है। सैद्धांतिक शिक्षा के साथ ही बच्चों को तकनीकी और व्यवसायिक शिक्षा भी दी जानी चाहिए, ताकि वे केवल नौकरी पर निर्भर न रहें और स्वयं का व्यवसाय भी शुरू कर सकें।
इस अवसर पर मंत्री देवांगन और कलेक्टर वसंत ने बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली मेधावी छात्राएं तस्मया खातुन, धनेश्वरी साहू, नेहा कर्ष और ऊषा नेताम को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी टी. पी. उपाध्याय, बीईओ संजय अग्रवाल, शासकीय कन्या विद्यालय के प्राचार्य सिंह सहित शिक्षक, पालक और छात्राएं उपस्थित थे। जिले के विद्यालयों में विभिन्न विभागों के अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में संकुल स्तरीय मेगा पालक-शिक्षक बैठक का आयोजन किया गया और पालकों को बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रेरित किया गया।
Recent Comments