कोरबा (पब्लिक फोरम)। केंद्र/राज्य कमेटी की निर्णय के अनुसार कोरबा के SECL महाप्रबंधक कार्यालय के सामने 38 सूत्रीय मांगों को लेकर श्रमिक संगठन एटक यूनियन के द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमें कोरबा क्षेत्र के सभी इकाइयों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने अपनी भागीदारी दी। तदुपरांत एसईसीएल कोरबा क्षेत्र के महाप्रबंधक विश्वनाथ सिंह एवं क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक एन.के.पटनायक को ज्ञापन सौंपा गया।
इस अवसर पर एटक के वरिष्ठ नेता दीपेश मिश्रा ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि 11वें राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए। सभी खदानों मे सुरक्षा के नियमों का शत-प्रतिशत पालन किया जाए। भूमिगत खदानों में विशेष तौर पर समुचित वेंटिलेशन की व्यवस्था किया जाए। एटक नेता कामरेड मिश्रा ने बताया कि एसईसीएल कोरबा क्षेत्र के प्रबंधन के द्वारा श्रमिक संगठनों को बार-बार यह धमकाया जाता है कि चालू खदानों को बंद कर दिया जाएगा जो कि बिल्कुल तर्कसंगत नहीं है। एसईसीएल प्रबंधन की ऐसी किसी भी प्रकार की श्रमिक विरोधी कार्रवाई का हमारा संगठन पूरी ताकत के साथ जोरदार ढंग से से विरोध करेगी।
कामरेड दीपेश मिश्रा ने बताया कि यह भी देखा जा रहा है कि प्रबंधन को मजदूरों के हित के लिए जो कल्याणकारी कार्य किया जाना चाहिए उसे जानबूझकर रोका जा रहा है। वहीं एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा तानाशाही रवैया अपनाकर मजदूरों का बिना किसी उचित कारण के हाजिरी काटना आम बात हो गई है। इस पर तुरंत रोक लगाई जाए। खदानों मे स्वच्छ पानी मुहैया किया जाए तथा सभी आवासों का पूर्ण रूप से मरम्मत कराई जाए। जिले के बांकी और कोरबा के मुख्य चिकित्सालय में सभी दवाइयां उपलब्ध कराई जाए। तथा नहीं भर्ती कर चिकित्सकों की कमी को दूर किया जाए। उन्होंने सभा में अन्य मांगों पर भी विस्तार से चर्चा की।
एटक द्वारा आयोजित एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में कॉमरेड धरमा राव, सुभाष सिंह, एन.के.दास, राजु श्रीवास्तव, कमर बक्ष, प्रमोद सिंह, एस.के.प्रसाद, ज्ञान चंद साहू, मृत्युंजय कुमार, मनीष सिंह, अरविंद चंद्रा, उज्जवल बनर्जी, राजेश दुबे, नंद किशोर साव, अरुण राठौड़ सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।
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