कांकेर (पब्लिक फोरम)। जिले के विभिन्न नगरीय निकायों में काम कर रही प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा श्रम कानूनों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। इन एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए राजमिस्त्री मजदूर रेजा कुली एकता यूनियन के नेताओं ने आज एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी की। यूनियन के राज्य कार्यकारी अध्यक्ष सुखरंजन नंदी और उपाध्यक्ष नजीब कुरेशी ने मांग की कि श्रम कानूनों का उल्लंघन करने वाली सभी प्लेसमेंट एजेंसियों का ठेका निरस्त कर उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाए।
नेताओं ने बताया कि कांकेर नगर पालिका में प्लेसमेंट एजेंसी का ठेका कर्मचारियों के आंदोलन के बाद रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा, नरहरपर नगर पंचायत में प्लेसमेंट कर्मचारियों को ईएसआई कार्ड वितरित किए गए हैं। यह कदम कर्मचारियों के संघर्ष का परिणाम है, जिसके चलते भ्रष्ट एजेंसियों को झुकना पड़ा और कर्मचारियों के अधिकारों को मान्यता देनी पड़ी।
नेताओं ने आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों से प्लेसमेंट एजेंसियां नगरीय निकायों के प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से कर्मचारियों के अधिकारों का हनन कर रही हैं। इन एजेंसियों ने कर्मचारियों को उनके वैधानिक अधिकार, जैसे ईएसआई कार्ड और अन्य सुविधाएं देने से इनकार कर दिया है। इससे कर्मचारियों को आर्थिक और सामाजिक रूप से नुकसान उठाना पड़ा है।
यह समस्या कांकेर जिले के विभिन्न नगरीय निकायों, जैसे कांकेर नगर पालिका, पखांजूर, अंतागढ़, चारामा और भानुप्रतापपुर नगर पंचायत में देखी जा रही है। इन क्षेत्रों में प्लेसमेंट कर्मचारियों को अभी भी ईएसआई कार्ड जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं।
नेताओं ने स्पष्ट रूप से प्लेसमेंट एजेंसियों और नगरीय निकायों के प्रशासनिक अधिकारियों को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि एजेंसियों और अधिकारियों के बीच मिलीभगत से कर्मचारियों के अधिकारों का हनन हो रहा है।
कर्मचारियों ने अपने अधिकारों की मांग को लेकर लंबे समय तक संघर्ष किया। आंदोलन और विरोध प्रदर्शन के बाद ही कांकेर नगर पालिका में प्लेसमेंट एजेंसी का ठेका रद्द किया गया और नरहरपर नगर पंचायत में ईएसआई कार्ड वितरित किए गए। यह संघर्ष कर्मचारियों की एकजुटता और दृढ़ संकल्प का परिणाम है।
नेताओं ने कहा कि जब तक सभी प्लेसमेंट एजेंसियां श्रम कानूनों का पालन नहीं करतीं और कर्मचारियों को उनके अधिकार नहीं मिलते, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने सरकार और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
यूनियन के नेताओं ने सरकार से मांग की है कि श्रम कानूनों का उल्लंघन करने वाली सभी प्लेसमेंट एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट किया जाए और उनका ठेका निरस्त किया जाए। साथ ही, उन्होंने कर्मचारियों को उनके वैधानिक अधिकार दिलाने के लिए एक स्थायी समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया है।
कांकेर जिले में प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा श्रम कानूनों का उल्लंघन एक गंभीर मुद्दा है, जिससे कर्मचारियों के अधिकारों का हनन हो रहा है। यूनियन के नेताओं ने इस मुद्दे को उठाकर एक बड़ा कदम उठाया है। अब यह सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करें और भ्रष्ट एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। यह संघर्ष न केवल कर्मचारियों के अधिकारों की लड़ाई है, बल्कि सामाजिक न्याय और श्रमिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
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