कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को ऑटो सेवाओं में हो रही असुविधा को दूर करने के लिए कोरबा रेल यात्री संघर्ष समिति ने प्रीपेड ऑटो बूथ की स्थापना की मांग तेज कर दी है। समिति ने इस गंभीर मुद्दे पर आवाज उठाते हुए कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम आयुक्त और डीआरएम को ज्ञापन सौंपा है, ताकि यात्रियों को राहत मिल सके।
समिति के प्रमुख सदस्य सुनील जैन का कहना है कि कोरबा रेलवे स्टेशन पर ऑटो चालकों द्वारा स्थानीय यात्रियों की लगातार अनदेखी की जा रही है। ऑटो चालक बालको, कुसमुंडा, दीपका और दर्री जैसे उपनगरीय इलाकों के यात्रियों को प्राथमिकता देते हैं, जबकि कोरबा शहर के यात्रियों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। इसका नतीजा यह है कि कोरबा शहर के लोगों को रेलवे स्टेशन से अपने घर तक पहुंचने में भारी परेशानी झेलनी पड़ती है।
कोरबा रेलवे स्टेशन से रायपुर समेत विभिन्न स्थानों के लिए प्रतिदिन करीब 9 ट्रेनों का संचालन होता है। लेकिन समस्या तब और बढ़ जाती है जब ऑटो चालक कोरबा शहर के प्रमुख स्थलों जैसे पुराने बस स्टैंड जाने से इनकार कर देते हैं। इससे रेलवे स्टेशन पर यात्रियों और ऑटो चालकों के बीच अक्सर विवाद की स्थिति बन जाती है, जिससे यात्रियों को असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है।
शहर की लगभग एक लाख की आबादी में से बड़ी संख्या में लोग रेलवे सेवाओं पर निर्भर हैं। रात के समय या सुबह के शुरुआती घंटों में जब ट्रेनें पहुंचती हैं, तो यात्रियों को ऑटो सेवा न मिल पाने के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई यात्रियों को अपने सामान के साथ पैदल ही घर का रास्ता तय करना पड़ता है, जो उनके लिए काफी कठिन साबित होता है। विशेष रूप से, रात के समय यह स्थिति और गंभीर हो जाती है जब स्टेशन पर ऑटो चालकों की उपलब्धता न के बराबर रहती है।
इन कठिनाइयों को देखते हुए, कोरबा रेल यात्री संघर्ष समिति ने स्टेशन पर प्रीपेड ऑटो बूथ की शीघ्र स्थापना की मांग की है। समिति का मानना है कि इससे यात्रियों को एक निश्चित व्यवस्था के तहत सुरक्षित यात्रा का विकल्प मिलेगा। यदि प्रीपेड बूथ स्थापित करना तुरंत संभव नहीं है, तो समिति ने प्रशासन से अपील की है कि शहर के भीतर ई-रिक्शा सेवा शुरू की जाए, जो समिति के नियंत्रण में संचालित हो सके और यात्रियों की जरूरतों को पूरा कर सके।
सुनील जैन ने प्रशासन से अपील की है कि वे इस मांग को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। कोरबा की जनता इस उम्मीद में है कि उनकी इस जायज़ मांग पर शीघ्र ही सकारात्मक कार्रवाई होगी, जिससे उन्हें सुरक्षित और सुविधाजनक आवागमन का लाभ मिल सकेगा।
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