back to top
मंगलवार, फ़रवरी 4, 2025
होमआसपास-प्रदेशविस्थापित बेरोजगारों को रोजगार की मांग: किसान सभा ने किया SECL कुसमुंडा...

विस्थापित बेरोजगारों को रोजगार की मांग: किसान सभा ने किया SECL कुसमुंडा मुख्यालय का घेराव

प्रबंधन पर रोजगार बेचने का आरोप, 25 को खदान बंद की दी चेतावनी

कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जिले में एसईसीएल की खनन परियोजनाओं से विस्थापितों के लिए रोजगार की मांग एक प्रमुख मांग के रूप में उभर रही है, क्योंकि अपनी जमीन से हाथ धो चुके परिवार आजीविका के साधनों के अभाव में बेरोजगारी का दंश सहने पर मजबूर है। आज छत्तीसगढ़ किसान सभा ने कुसमुंडा के एसईसीएल मुख्यालय का घेराव कर विस्थापित ग्रामों के बेरोजगार नौजवानों को रोजगार देने की मांग की और प्रबंधन द्वारा इस मांग पर सार्थक पहलकदमी न होने पर 25 मई को खदान बंद करने की चेतावनी भी दी। किसान सभा के इस आंदोलन को रोजगार एकता संघ ने भी अपना समर्थन दिया।

मुख्यालय गेट पर प्रदर्शन कर रहे आंदोलकारियों को रोकने के लिए बड़ी संख्या में सीआईएसएफ के साथ पुलिस बल भी तैनात था। मुख्यालय में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे आंदोलनकारियों की सीआईएसएफ के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई, जिसके बाद कार्यालय के मुख्य द्वार को दो घंटे से ज्यादा समय तक बंद रखा गया, जिससे कार्यालय में आवाजाही पूर्ण रूप से बंद रही और कामकाज ठप्प हो गया।

छत्तीसगढ़ किसान सभा के सचिव प्रशांत झा ने एसईसीएल प्रबंधन पर रोजगार बेचने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विस्थापन प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराना एसईसीएल की जिम्मेदारी है। इन स्थानीय बेरोजगारों को आउट सोर्सिंग कंपनियों में 100% रोजगार मिलना चाहिए, लेकिन प्रबंधन और आउट सोर्सिंग कंपनियां आपस में साठगांठ कर अपात्रों को रोजगार बेचने का काम कर रही है। इससे विस्थापित बेरोजगार रोजगार से वंचित हो रहे हैं।

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए किसान सभा के नेताओं जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू, जय कौशिक आदि ने कहा कि अब ग्रामीण एसईसीएल के किसी भी झांसे में आने वाले नहीं है और रोजगार मिलने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। रोजगार एकता संघ के राधेश्याम कश्यप, दामोदर श्याम, रेशम यादव, बलराम, नरेंद्र, रघु ठकराल आदि का भी यही कहना था कि कंपनी के अधीनस्थ कार्यरत आउट सोर्सिंग एवं वैकल्पिक कार्यों में भूविस्थापित युवाओं को प्राथमिकता नहीं दिया जा रहा है। इससे भूमि अधिग्रहण के बाद इन परिवारों पर आश्रित युवा बेरोजगारी का दंश सहने पर मजबूर है।

किसान सभा नेताओं ने कुसमुंडा मुख्यालय घेराव के बाद 25 मई को खदान बंदी भी करने की घोषणा की है। प्रदर्शन में दिलहरण बिंझवार, पुरुषोत्तम कंवर, संजय यादव, देवेंद्र कुमार, शिवरतन, मोहपाल, अनिल बिंझवार, हेमलाल, बेदराम, बृजमोहन के साथ बड़ी संख्या में प्रभावित गांवों के बेरोजगार नौजवान उपस्थित थे।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments