बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। बालकोनगर के वार्ड क्रमांक 39, कैलाशनगर के निवासी वर्षों से बिजली जैसी बुनियादी सुविधा के लिए तरस रहे हैं। संकरी गलियां और हर ओर फैले हुए तारों का जाल यहां किसी ग्रामीण क्षेत्र का नहीं बल्कि नगर निगम क्षेत्र का ही हिस्सा दिखता है। 3,000 से अधिक जनसंख्या वाली इस कॉलोनी में बिजली का आधिकारिक कनेक्शन नहीं है, जिसके कारण लोगों ने मजबूरी में अवैध रूप से बिजली के कनेक्शन ले लिए हैं। यह स्थिति न केवल निवासियों के जीवन को जोखिम में डाल रही है बल्कि उत्पादन कंपनी को भी करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
करीब तीन दशक पहले बालकोनगर में बिजली कनेक्टिविटी शुरू की गई थी, लेकिन अफसोस की बात है कि कैलाशनगर और आजाद नगर जैसे क्षेत्रों को उस समय नजरअंदाज कर दिया गया। लोगों की मांग के बावजूद बिजली विभाग ने यहां कनेक्शन नहीं दिए, जिसके चलते लोगों ने खुद बांस के सहारे तार खींचकर बिजली की व्यवस्था कर ली। इस अव्यवस्थित तारों के जाल ने यहां शॉर्ट सर्किट की घटनाओं को आम बना दिया है। दुख की बात यह है कि अब तक बिजली के झटके से तीन लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन इस ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं है।
सरकार ने बिजली चोरी रोकने के लिए कई उपाय किए हैं, लेकिन विद्युत विभाग के अफसरों की लापरवाही इस दिशा में किसी भी प्रयास को विफल बना रही है। आजादनगर के निवासियों ने इस गंभीर समस्या को लेकर कलेक्टर से शिकायत भी की थी, जिसके बाद आनन-फानन में क्षेत्र में बिजली पोल तो लगाए गए, लेकिन घरों में बिजली कनेक्शन अभी तक नहीं दिए जा सके हैं। अफसरों की उदासीनता के कारण न केवल कंपनी को आर्थिक नुकसान हो रहा है बल्कि यहां के लोगों की जान भी हमेशा खतरे में बनी रहती है।
समस्या पर एक नज़र
कैलाशनगर और आस-पास के इलाकों में बिजली की उचित कनेक्टिविटी न होना आज एक गंभीर समस्या बन चुका है। लोगों की सुरक्षा और विकास के लिए इस पर जल्द कार्रवाई की आवश्यकता है। क्षेत्रवासियों ने निगम और प्रशासन से निवेदन किया है कि वे उनकी समस्या को गंभीरता से लें और इस जीवन-मृत्यु के संकट को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाएं।
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