बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। बालको रामलीला मैदान में प्रतिवर्ष विजयादशमी के अवसर पर आयोजित होने वाला रावण दहन शाम 7:30 बजे संपन्न हो जाता है। समय की इस तय परंपरा को लेकर स्थानीय श्रद्धालुओं और व्यापारी वर्ग में असंतोष देखा जा रहा है।
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि पूजा-पाठ और आरती संपन्न करने के बाद जब परिवारजन मैदान की ओर पहुँचते हैं, तब तक मुख्य कार्यक्रम समाप्त हो चुका होता है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग रावण दहन देखने से वंचित रह जाते हैं।
ग्रामीण अंचलों से आने वाले श्रद्धालु, विशेषकर सतरंगी, लमरु और आसपास के गांवों के लोग, लगभग 30–40 किलोमीटर की दूरी तय करने के बावजूद हर साल इस आयोजन का आनंद नहीं उठा पाते।
वहीं दूसरी ओर, आसपास के अन्य स्थानों जैसे लाल मैदान (जहाँ रावण दहन रात 10:30 बजे होता है) और कोहड़िया (जहाँ कार्यक्रम 10:00 से 11:00 बजे के बीच संपन्न होता है) में देर रात होने वाले आयोजनों से अधिक जनभागीदारी और भव्यता देखने को मिलती है। यह भी उल्लेखनीय है कि इन क्षेत्रों में प्रदेश के मंत्री एवं स्थानीय विधायक लखनलाल देवांगन का निवास है।
इसी संदर्भ में अधिवक्ता पी. योगेश कुमार (शांति नगर, बालको नगर, जिला कोरबा) ने विशेष आग्रह किया है कि बालको रामलीला मैदान में रावण दहन का समय रात्रि 9:00 बजे के बाद निर्धारित किया जाए। उनका कहना है कि इससे न केवल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी, बल्कि आयोजन की गरिमा और भव्यता भी बढ़ेगी।
यह निवेदन विशेष रूप से INTUC ट्रेड यूनियन के नेताओं, आयोजन समिति और बालको के जनप्रतिनिधियों से किया गया है। अब देखना होगा कि इस मांग पर समिति और प्रशासन किस तरह की पहल करता है।
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