सोमवार, सितम्बर 15, 2025
होमआसपास-प्रदेशवनभूमि पट्टा के लिए ग्राम सभा बुलाने की मांग तेज: पंचायत सचिवों...

वनभूमि पट्टा के लिए ग्राम सभा बुलाने की मांग तेज: पंचायत सचिवों को 10 दिन का अल्टीमेटम

पखांजूर (पब्लिक फोरम)। अपने हक़ और अधिकारों के लिए लड़ रहे वनवासियों ने वनभूमि पर अपने दावों को लेकर आवाज़ बुलंद कर दी है। कांकेर जिले के पखांजूर क्षेत्र में लंबे समय से वनभूमि पर काबिज आदिवासी और अन्य परंपरागत निवासियों को वनाधिकार पट्टा प्रदान करने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। वनाधिकार संघर्ष मंच के नेतृत्व में ग्रामीणों ने विभिन्न ग्राम पंचायतों में ज्ञापन सौंपकर तत्काल ग्राम सभा आयोजित करने की मांग की है। यह सिलसिला लगातार जारी है और क्षेत्र में इस मुद्दे को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है।

वनाधिकार संघर्ष मंच के अध्यक्ष छोटेलाल टांडिया और संयोजक महेश्वर शर्मा द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, क्षेत्र के हजारों आदिवासी और अन्य परंपरागत निवासी पीढ़ियों से वनभूमि पर खेती और निवास करते आ रहे हैं। लेकिन, वर्षों बाद भी उन्हें अब तक वनाधिकार पत्रक (पट्टा) नहीं मिल पाया है। इस कारण न केवल उनके भविष्य पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं, बल्कि वे सरकार द्वारा चलाई जा रही किसी भी कल्याणकारी योजना का लाभ भी नहीं उठा पा रहे हैं। नेताओं ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस स्थिति का फायदा समाज के प्रभावशाली लोग उठाते हैं और इन गरीब वनवासियों का शोषण करते हैं।

पंचायत सचिवों पर लापरवाही का आरोप
संघर्ष मंच ने पंचायत सचिवों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। मंच के नेताओं ने सचिवों पर लापरवाही और उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी निष्क्रियता के कारण ही पात्र कब्जाधारियों को कानूनी तौर पर उनका हक़ नहीं मिल पा रहा है। इसी के तहत, मंच ने एक बड़ा कदम उठाते हुए क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को आवेदकों के हस्ताक्षर सहित ज्ञापन सौंपना शुरू कर दिया है। इस ज्ञापन में स्पष्ट रूप से मांग की गई है कि 10 दिनों के भीतर ग्राम सभा बुलाई जाए और सभी लंबित आवेदनों का तत्काल निराकरण किया जाए।

मंच ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि पंचायतें 10 दिन के भीतर ग्राम सभा का आयोजन करने में विफल रहती हैं, तो वे चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि ऐसी स्थिति में स्थानीय प्रशासन से संबंधित पंचायत सचिवों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग को लेकर एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।

मंगलवार को इसी क्रम में ग्राम पंचायत जवेली, घोड़ागांव, टेकामेरा और भुरभूसी में सरपंच-सचिवों को ज्ञापन सौंपा गया। संघर्ष मंच ने कहा है कि जब तक सभी पात्र वनवासियों को उनका अधिकार नहीं मिल जाता, तब तक यह अभियान और ज्ञापन सौंपने का सिलसिला जारी रहेगा।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments