कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जिले के करतला जनपद पंचायत में जिला खनिज न्यास (DMF) मद से स्वीकृत विकास कार्यों की राशि जारी करने के एवज में पांच प्रतिशत कमीशन मांगे जाने का गंभीर मामला सामने आया है। इस अनियमितता के खिलाफ जनपद उपाध्यक्ष मनोज झा के नेतृत्व में सरपंच संघ ने मोर्चा खोल दिया है।
आरोप: अग्रिम चेक जारी करने के लिए कमीशन की मांग
जानकारी के अनुसार, करतला जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी वैभव कौशिक द्वारा ग्राम पंचायतों को यह निर्देश दिया गया है कि जब तक स्वीकृत विकास कार्यों की राशि का पांच प्रतिशत हिस्सा अग्रिम रूप से जमा नहीं किया जाएगा, तब तक प्रथम किश्त का अग्रिम चेक जारी नहीं किया जाएगा। यह कथित निर्देश जिला स्तरीय अधिकारियों के हवाले से दिया जा रहा है।
जनपद उपाध्यक्ष ने सौंपा ज्ञापन, जताई कड़ी आपत्ति
जनपद उपाध्यक्ष मनोज झा ने इस मामले पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें जनपद के सरपंच संघ अध्यक्ष सहित 35 ग्राम पंचायतों के सरपंचों का ज्ञापन प्राप्त हुआ है। ज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि आंगनवाड़ी भवन निर्माण जैसी DMF मद की योजनाओं के लिए स्वीकृति मिलने के बाद भी चेक जारी करने हेतु पांच प्रतिशत कमीशन की मांग की जा रही है। श्री झा ने इस कृत्य को सरकारी नीतियों के विरुद्ध बताया।
भ्रष्टाचार पर अंकुश की मांग, गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका
श्री झा ने छत्तीसगढ़ सरकार की पारदर्शिता और ईमानदारी की नीतियों का हवाला देते हुए कहा कि यदि पांच प्रतिशत पहले और फिर कार्य के दौरान दस प्रतिशत की उगाही की जाएगी, तो कुल 15 प्रतिशत की राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगी, जिससे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता प्रभावित होगी। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि ऐसी स्थिति में एक वर्ष के भीतर ही भवन उपयोग लायक नहीं बचेंगे। उन्होंने इस उगाही का कड़ा विरोध किया है और आवश्यकता पड़ने पर इस प्रकरण को उच्च स्तर तक ले जाने की बात कही है।
सरपंचों ने की सख्त कार्रवाई की मांग
इस बीच, करतला के सरपंचों ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए इस मामले की प्रतिलिपि जिला कलेक्टर और जिला पंचायत के सीईओ को प्रेषित की है। यह घटना DMF फंड के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है, जिस पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं।
जनपद उपाध्यक्ष मनोज झा इस क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं और उन्होंने शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण जैसे कई सामाजिक कार्यों में भी अपनी भूमिका निभाई है। यह मामला अब प्रशासनिक जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है, ताकि विकास कार्यों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके और जनता के पैसे का सही उपयोग सुनिश्चित हो।
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