रायपुर (पब्लिक फोरम)। एम्स आउटसोर्सिंग एम्पलाइज यूनियन (सीटू) ने रायपुर एम्स में कार्यरत सभी ठेका मजदूरों को 45 दिन का बोनस देने की मांग उठाई है। इस संबंध में यूनियन ने एम्स के निदेशक धर्मजीत सिंह चौहान सहित सभी ठेकेदार कंपनियों को ज्ञापन सौंपा है।
सीटू के प्रदेश अध्यक्ष एस. एन. बनर्जी और यूनियन अध्यक्ष मारुति डोंगरे ने संयुक्त बयान में कहा कि रायपुर एम्स देशभर से आने वाले मरीजों के उपचार का प्रमुख केंद्र है। इसके संचालन और निरंतर सेवाओं को बनाए रखने में ठेका मजदूरों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे वर्षभर, चौबीसों घंटे अपनी सेवाएं देते हैं और उनकी मेहनत से ही एम्स का कार्य सुचारू रूप से चलता है।

यूनियन नेताओं ने आरोप लगाया कि बोनस अधिनियम के प्रावधानों के तहत हर मजदूर को उसके वेतन का न्यूनतम 8.33 प्रतिशत बोनस मिलना चाहिए। इसके बावजूद, एम्स में कार्यरत ठेका मजदूरों को अब तक बोनस नहीं दिया गया है। ठेकेदार कंपनियां हर वर्ष मजदूरों की लाखों रुपये की बोनस राशि हड़प रही हैं और एम्स प्रबंधन इस अन्याय पर आंख मूंदे हुए है, जबकि मजदूरों को ठेकेदारी शोषण से बचाना प्रबंधन की जिम्मेदारी है।
सीटू नेताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि दिवाली से पहले मजदूरों को बोनस का भुगतान नहीं किया गया तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। साथ ही उन्होंने एम्स प्रशासन से अपेक्षा जताई है कि मजदूरों के हितों में बने श्रम कानूनों का पालन सुनिश्चित कराते हुए ठेकेदार कंपनियों को बोनस भुगतान के लिए बाध्य किया जाए।
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