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रविवार, सितम्बर 28, 2025
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दिल्ली: शिक्षा के मंदिर में अस्मिता से खिलवाड़, 17 छात्राओं ने संचालक स्वामी चैतन्यानंद पर लगाए यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप

नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। ज्ञान और आध्यात्म के केंद्र माने जाने वाले एक प्रतिष्ठित संस्थान में गुरु-शिष्य के रिश्ते को शर्मसार करने वाला एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। दिल्ली के वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के संचालक स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थसारथी पर संस्थान की करीब 17 छात्राओं ने यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्राओं की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी स्वामी की तलाश में जुट गई है, जो फिलहाल फरार बताया जा रहा है।

यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति के अपराध तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन सपनों और भरोसे पर आघात है जिसे लेकर छात्राएं अपने घरों से दूर शिक्षा ग्रहण करने आती हैं। इस घटना ने एक बार फिर शिक्षण संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इस शर्मनाक घटना के प्रकाश में आने के बाद, दक्षिण भारत के प्रमुख मठ दक्षिणाम्नाय श्रीशारदापीठ, शृंगेरी ने एक सार्वजनिक बयान जारी कर स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती से सभी संबंध समाप्त करने की घोषणा की है। पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि चैतन्यानंद का आचरण और गतिविधियां अवैध, अनुचित और पीठ के हितों के खिलाफ थीं। पीठ ने यह भी साफ किया है कि संस्थान का संचालन अब एक गवर्निंग काउंसिल द्वारा किया जा रहा है, और छात्रों के हितों की पूरी सुरक्षा की जाएगी ताकि उनकी पढ़ाई में कोई बाधा न आए।

दक्षिणी-पश्चिमी जिला पुलिस के अनुसार, पीड़ित छात्राओं ने अपनी शिकायत में दर्द और भय की एक भयावह तस्वीर पेश की है। 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए, जिनमें से 17 ने स्वामी चैतन्यानंद पर सीधे तौर पर आरोप लगाए हैं। छात्राओं का कहना है कि आरोपी स्वामी उन्हें अभद्र भाषा में बात करता था, अश्लील व्हाट्सएप और एसएमएस संदेश भेजता था और अवांछित तरीके से शारीरिक संपर्क बनाने की कोशिश करता था। कुछ छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया है कि संस्थान की कुछ महिला वार्डन और कर्मचारी उन पर स्वामी की बात मानने के लिए दबाव बनाती थीं।

पीड़िताओं ने कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए अपने बयान में बताया है कि आरोपी उन्हें लगातार ब्लैकमेल कर रहा था। वह उन्हें परीक्षा में फेल करने और उनका स्कॉलरशिप खत्म करने की धमकी देकर किसी से कुछ न कहने के लिए डराता था। यह मामला तब सामने आया जब 4 अगस्त, 2025 को श्रृंगेरी मठ के प्रशासक पी.ए. मुरली ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस की जांच और चौंकाने वाले खुलासे

मामला दर्ज होते ही आरोपी स्वामी चैतन्यानंद फरार हो गया। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है और उसकी आखिरी लोकेशन आगरा में ट्रेस की गई थी। जांच के दौरान पुलिस ने संस्थान के बेसमेंट से एक महंगी वोल्वो कार जब्त की है, जिस पर फर्जी संयुक्त राष्ट्र (UN) की डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट (39 UN 1) लगी हुई थी। पुलिस के अनुसार, आरोपी इस कार का इस्तेमाल अपना रसूख दिखाने और शायद जांच से बचने के लिए करता था।

पुलिस ने संस्थान से सीसीटीवी फुटेज और हार्ड डिस्क भी जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ओडिशा का रहने वाला चैतन्यानंद पिछले 12 सालों से इस आश्रम में रह रहा था। यह पहली बार नहीं है जब उस पर ऐसे आरोप लगे हैं; उसके खिलाफ ओडिशा में भी साल 2009 और 2016 में धोखाधड़ी और छेड़छाड़ के दो मामले दर्ज हैं।

यह घटना उन अनगिनत बेटियों और उनके माता-पिता के लिए एक चेतावनी है जो बेहतर भविष्य की तलाश में बच्चों को बड़े संस्थानों में भेजते हैं। यह विश्वास का संकट है, जहां रक्षक ही भक्षक बन बैठा। अब सभी की निगाहें दिल्ली पुलिस पर टिकी हैं कि वह कब तक आरोपी स्वामी को सलाखों के पीछे पहुंचाती है और पीड़ित छात्राओं को न्याय दिलाती है।

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