रायपुर/कोरबा (पब्लिक फोरम)। ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने 20 जून को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की। इस दौरान एसईसीएल और सीएसईबी के भूविस्थापितों और प्रभावित ग्रामवासियों की रोजगार, बसाहट और मुआवजा से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए ज्ञापन सौंपा। इस प्रतिनिधि मंडल के साथ श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन और कटघोरा विधायक श्री प्रेमचंद पटेल भी मौजूद थे। उन्होंने भूविस्थापितों की मांगों का समर्थन किया और मुख्यमंत्री से उच्च स्तर पर कार्यवाही करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया कि जल्द ही संबंधित प्रबंधन और प्रशासन को दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे और समस्याओं के समाधान के लिए उचित कार्यवाही की जाएगी।
प्रतिनिधि मंडल में शामिल सदस्य: सपूरन कुलदीप, विजयपाल सिंह तंवर, रूद्र दास, अनसुइया राठौर, संतोष चौहान, हरिनाम सिंह, संपत सिंह, विजय सिंह कंवर और गरीब सिंह कंवर।
प्रमुख मांगे:-
1. रोजगार के पुराने लंबित मामलों का निपटारा: वन टाइम सेटलमेंट के जरिए जल्दी निपटारा किया जाए। अर्जन के बाद जन्मे मामलों और एक खाता एक रोजगार नियम के विरुद्ध खातों के संयोजन से वंचितों को रोजगार प्रदान किया जाए। एसईसीएल में लागू कोल इंडिया पॉलिसी 2012 को वापस लिया जाए और हर खाते में स्थायी रोजगार प्रदान किया जाए। वर्ष 2010 से पहले के अर्जन मामलों में सभी मूल खातेदारों और सहखातेदारों को रोजगार दिया जाए।
2. बसाहट के लिए मुआवजा: 10 डिसमिल भूमि और 25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। शासन की योजनाओं से प्राप्त पट्टों, शासकीय/वन भूमि और मकानों का मुआवजा और सौ प्रतिशत सोलिसियम और बसाहट की पात्रता के लिए नियमों में संशोधन कर समुचित लाभ दिया जाए।
3.अंशतः अधिग्रहण रद्द: गांव का सम्पूर्ण अर्जन किया जाए और खदान बंद हो जाने पर भूमि को मूल खातेदारों को वापस किया जाए।
4. खदान बंद होने पर: जमीन को मूल खातेदारों को वापस किया जाए। वर्तमान में कब्जाधारियों को पट्टा प्रदान किया जा रहा है, उसे रोककर मूल खातेदारों को उनकी जमीन वापस की जाए।
5. बसाहट की राशि: दीपका, कुसमुंडा, गेवरा में लागू बसाहट की राशि को कोरबा क्षेत्र के सरईपाली परियोजना और एसईसीएल के सभी क्षेत्रों में लागू किया जाए।
6. पुनर्वास स्थल की व्यवस्था: विस्थापन से पूर्व पुनर्वास स्थल की सर्वसुविधायुक्त व्यवस्था की जाए।
7. निशुल्क उच्च शिक्षा और चिकित्सा सुविधा: भूविस्थापितों के बच्चों को निशुल्क उच्च शिक्षा और एसईसीएल के अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की जाए।
8. सीएसआर के तहत विकास कार्य: एसईसीएल की सीएसआर के तहत प्रभावित क्षेत्रों का समुचित विकास कार्य कराया जाए और पुनर्वास ग्रामों में सर्वे कर सभी विकास कार्य सुनिश्चित किए जाएं।
9. जिला खनिज न्यास मद: पुनर्वास ग्रामों में 60 प्रतिशत खर्च शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सृजन के लिए किया जाए।
10. आउटसोर्सिंग कंपनियों में रोजगार: आउटसोर्सिंग कंपनियों में भूविस्थापितों को 70% रोजगार और ठेका कामगारों को कोल इंडिया द्वारा निर्धारित वेतन और सभी सुविधाएं प्रदान की जाएं।
11. मुआवजा दर में सुधार: खदान विस्तार के लिए गांव के 20 मीटर सीमा तक खनन कार्य रोका जाए और मुआवजा दरों में सुधार कर वर्तमान दर पर भुगतान किया जाए।
12. खान सुरक्षा नियमों का पालन: खान सुरक्षा महानिदेशालय और कोल माइनिंग रेगुलेशन के 500 मीटर दूरी पर खनन और ब्लास्टिंग के नियम का पालन किया जाए।
13. माइनिंग कॉलेज की स्थापना: कोरबा में माइनिंग कॉलेज की स्थापना की जाए और भूविस्थापित परिवारों के बच्चों की मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था की जाए।
14. नए अधिनियम के अनुसार मुआवजा: मुआवजा राशि और अन्य सुविधाएं नए अधिनियम के अनुसार प्रदान की जाएं और मुआवजा राशि में कटौती बंद हो।
15. राजस्व मामलों में समाधान: किसानों की परेशानियों के समाधान के लिए नियमित शिविर का आयोजन किया जाए और सीएसईबी में रोजगार मुआवजा जैसी मांगों पर पृथक से मांगपत्र सौंपा जाए।
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