शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
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केन्द्र सरकार की मजदूर किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ 05 अप्रैल को संसद घेराव का निर्णय

कांकेर (पब्लिक फोरम)। केन्द्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आगामी 05 अप्रैल को देशभर के लाखों की संख्या में मजदूर-किसान व खेतमजदूर संसद का घेराव करेंगे। उक्ताशय की जानकारी राजमिस्त्री मजदूर रेजा कुली एकता यूनियन के राज्य अध्यक्ष देवचंद भास्कर ने आज एक प्रेस वयान जारी कर दी।

श्री भास्कर ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर मजदूर विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि कार्पोरेट घरानों के हित में यह सरकार श्रम कानूनों को समाप्त कर मजदूरों के कानूनी अधिकारों को ही छीन लिया है। श्रम कानून समाप्त हो जाने से मजदूरों के न्यूनतम मजदूरी, समान काम के समान वेतन, अधिकतम 08 घंटे काम करने के अधिकार खत्म हो जाएंगे।

मालिक-ठेकेदार मजदूरो का भरपूर शोषण कर अपने मुनाफे का पहाड़ खड़ा करने मे सफल हो जायेंगे।अभी तक श्रम कानून मालिकों के लिए बाधक बनी हुई थी लेकिन भाजपा की सरकार इसे समाप्त कर मालिकों को लूटने के लिए खुली छूट दे दिया है।

मजदूर नेता ने कहा कि देश के किसान फसल की उचित समर्थन मूल्य की मांग कर रहे है। फसल की सरकारी खरीद सुनिश्चित करने फसल का समर्थन मूल्य लागत मूल्य से डेढ गुना देने, समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग लंबे समय से करते आ रहे है लेकिन केन्द्र की सरकार फसल की सरकारी खरीदी पर रोक लगाकर, समर्थन मूल्य पर कानून न बनाकर किसानों को अपनी फसल बड़े व्यापारियों को औने-पौने दाम पर बेचने के लिए विवश किया गया है ।

यूनियन नेता ने कहा कि किसानों ने एक साल लंबे संघर्ष कर सरकार को तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर किया है।अगर सरकार किसानों और मजदूरों की मांगों को मानने को तैयार नही है तो देश के मजदूर किसान लंबे संघर्ष के लिए तैयार हैं। संघर्ष से ही मजदूर-किसान अपनी जायज मांगे हासिल करेंगे।

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