नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। देश की मौजूदा गंभीर परिस्थितियों और केंद्र सरकार की श्रमिक नीतियों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 20 मई 2025 को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल को स्थगित कर दिया है। अब यह महाहड़ताल 9 जुलाई 2025 को होगी। यह महत्वपूर्ण निर्णय बुधवार, 15 मई 2025 की शाम केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की एक उच्च-स्तरीय बैठक में लिया गया।
क्यों बदली गई हड़ताल की तारीख?
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की बैठक में देश की समग्र स्थिति पर गहन विचार-विमर्श किया गया। यूनियनों ने इस बात पर गंभीर चिंता व्यक्त की कि जब देश विभिन्न मोर्चों पर कई गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है, तब भी केंद्र सरकार जिस आक्रामक तरीके से नए श्रम संहिताओं (Labour Codes) को लागू करने, काम के घंटे बढ़ाने और श्रमिकों के मूलभूत ट्रेड यूनियन अधिकारों पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रही है, वह बेहद चिंताजनक है।
यूनियनों का स्पष्ट मत है कि देश की नाजुक स्थिति को देखते हुए श्रमिकों के हितों से जुड़े ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार का दबाव बनाना स्वीकार्य नहीं है। श्रमिकों के अधिकार और उनकी सुरक्षा ऐसे समय में और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं जब आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियाँ चुनौतीपूर्ण हों।
9 जुलाई को होगी आर-पार की लड़ाई
इसी पृष्ठभूमि में, सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मिलकर अब 9 जुलाई 2025 को पूरे देश में एक व्यापक आम हड़ताल करने का फैसला किया है। यह हड़ताल सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ एक जोरदार विरोध प्रदर्शन होगा, जिसमें लाखों श्रमिकों के शामिल होने की उम्मीद है।
20 मई को क्या होगा?
भले ही 20 मई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल टल गई हो, लेकिन इस दिन को पूरी तरह से निष्क्रिय नहीं रखा जाएगा। यूनियनों ने निर्णय लिया है कि 20 मई 2025 को देश भर के कार्यस्थलों, स्थानीय इकाइयों और जिला स्तरों पर व्यापक लामबंदी (mobilization) कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य श्रमिकों को 9 जुलाई की प्रस्तावित हड़ताल के लिए एकजुट करना और उनके बीच जागरूकता फैलाना होगा।
आगे की रणनीति और संदेश
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने अपने सभी सदस्यों और आम जनता से अपील की है कि वे 9 जुलाई की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की तैयारी में सक्रिय रूप से भाग लें। लोगों के बीच हड़ताल के कारणों और इसके महत्व को लेकर सघन अभियान जारी रखने पर जोर दिया गया है।
इसके साथ ही, सभी संबंधित मालिकों और सरकारी अधिकारियों को इस आगामी हड़ताल की आवश्यक सूचना तुरंत देने के निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की गलतफहमी या अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
ट्रेड यूनियनों की ओर से जल्द ही एक संयुक्त बयान भी जारी किया जाएगा, जिसमें इस फैसले के सभी पहलुओं, सरकार की नीतियों के खिलाफ उनके विरोध के कारणों और 9 जुलाई की हड़ताल की विस्तृत रूपरेखा का उल्लेख होगा। यह फैसला दिखाता है कि देश के श्रमिक संगठन अपने अधिकारों की रक्षा के लिए दृढ़ हैं और देश की स्थिति के प्रति भी संवेदनशील हैं। अब सभी की निगाहें 9 जुलाई 2025 पर टिक गई हैं, जब यह राष्ट्रव्यापी आंदोलन एक नया रूप लेगा।
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