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मंगलवार, फ़रवरी 4, 2025
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छत्तीसगढ़ और ओडिशा में CSR के तहत खर्च: सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों ने किए बड़े निवेश

नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। पिछले पांच वर्षों में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के तहत देश के विभिन्न राज्यों, विशेषकर छत्तीसगढ़ और ओडिशा में बड़े पैमाने पर खर्च हुआ है। संसद में दिए गए आंकड़ों के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (PSUs) और निजी कंपनियों ने विकास कार्यों में अहम योगदान दिया है।

क्या है CSR और क्यों जरूरी है?

कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) एक कानूनी प्रावधान है जिसके अंतर्गत कंपनियों को अपने मुनाफे का एक निश्चित हिस्सा सामाजिक और विकास कार्यों में लगाना अनिवार्य होता है। इसके जरिए शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे, पर्यावरण आदि क्षेत्रों में निवेश किया जाता है।

पिछले पांच वर्षों का खर्च: छत्तीसगढ़ और ओडिशा पर फोकस

1. छत्तीसगढ़ में CSR खर्च
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में CSR के तहत खर्च में निरंतर वृद्धि हुई है। 2018-19 में जहां 149.35 करोड़ रुपए खर्च हुए थे, वहीं 2022-23 में यह बढ़कर 596.11 करोड़ रुपए तक पहुँच गया।
रायगढ़ और रायपुर जैसे जिले इसमें अग्रणी रहे, जहां औद्योगिक कंपनियों ने शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान दिया।

2. ओडिशा में CSR खर्च
ओडिशा में CSR खर्च का आँकड़ा भी उल्लेखनीय है। 2018-19 में जहाँ कुल खर्च 697.91 करोड़ रुपए था, वहीं 2022-23 में यह 987.70 करोड़ रुपए पर पहुँच गया।
खुर्दा, झारसुगुड़ा, और सुदंरगढ़ जैसे जिलों में प्रमुख उद्योगों ने बड़े पैमाने पर CSR के तहत परियोजनाएँ चलाईं।

कौन-कौन सी कंपनियाँ आगे रहीं?

CSR के क्षेत्र में कई सरकारी और निजी कंपनियाँ आगे रही हैं। इनमें मुख्यतः –

1. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL)
2. NTPC लिमिटेड
3. NALCO
4. कोल इंडिया लिमिटेड

इन कंपनियों ने शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सेवा और पर्यावरण संरक्षण में विशेष योगदान दिया।

सरकार की नीतियाँ और पारदर्शिता का तंत्र
CSR की निगरानी और पारदर्शिता के लिए सरकार ने कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत सख्त प्रावधान किए हैं। कंपनियों के CSR खर्च का ऑडिट अनिवार्य है और उन्हें अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक करनी होती है।

छत्तीसगढ़ और ओडिशा के विकास पर प्रभाव
CSR के तहत किए गए खर्च से दोनों राज्यों में विकास कार्यों को गति मिली है। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएँ बेहतर हुई हैं। उद्योगों द्वारा संचालित परियोजनाएँ आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों के विकास में सहायक साबित हो रही हैं।
छत्तीसगढ़ और ओडिशा में CSR के तहत सरकारी और निजी कंपनियों द्वारा किए गए निवेश ने सामाजिक विकास के नए आयाम खोले हैं। हालांकि, यह भी जरूरी है कि इन फंड्स का उपयोग पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से हो, ताकि इसका वास्तविक लाभ जरूरतमंद लोगों तक पहुँच सके।
CSR से संबंधित किसी भी परियोजना की जानकारी कंपनियों की वार्षिक रिपोर्ट और सरकारी पोर्टल पर उपलब्ध होती है, जिससे जनता भी इनके कार्यों की निगरानी कर सकती है।

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